advertisement
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र वर्ली में रातों रात कई पेड़ों को कटवा दिया गया क्योंकि ये पेड़ सरकार की नई कॉमर्शियल होर्डिंग के बीच आ रहे थे. इस घटना के बाद सवाल किया जा रहा है कि आखिरकार इन पेड़ों को काटने की इजाजत किसने दी?
आदित्य ठाकरे को पर्यावरण प्रेमी माना जाता है, जब उन्हें पर्यावरण मंत्रालय दिया गया तो उन्होंने खुशी जाहिर की थी और पर्यावरण को लेकर अच्छे काम करने का संकल्प लिया था. लेकिन उनके ही विधानसभा क्षेत्र में पेड़ों को निर्मम तरीके से काटने की खबर सामने आई है.
मुंबई के वर्ली में स्थित PWD विभाग की कावेरी बिल्डिंग के सामने होर्डिंग को लगाया गया है. इस बिल्डिंग में कोर्ट के जज, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं. उन्होंने द क्विंट को बताया कि पेड़ों को केमिकल इंजेक्शन देकर खत्म किया गया है.
PWD बिल्डिंग के पास बीएमसी स्कूल के अंदर भी करीब 5 पेड़ों को काटा गया है. बताया जा रहा है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी. लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. वहीं, बीएमसी के अधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई नहीं की.
एमएनएस ने इस मामले में बीएमसी कमिश्नर को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है.
बता दें नियमों के मुताबिक, नये होर्डिंग को परमिशन तब दी जाती है, जब उसके सामने कोई पेड़ न हो. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बीएमसी ने नियमों की अनदेखी कर होर्डिंग लगाने की इजाजत कैसे दे दी और पेड़ किसके निर्देश पर काटे गए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)