advertisement
लोकसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी दिसंबर, 2018 में ये बिल लोकसभा से पास हो गया था. लेकिन राज्यसभा में इसपर बहस नहीं हो सकी थी. बता दें कि पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने इस पर सख्त कानून बनाने का फैसला किया था.
इसे पहले सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था. क्योंकि लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद वो राज्यसभा में अटक गया था. मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश- 2019 के तहत तीन तलाक अवैध, अमान्य है. इसके मुताबिक अगर कोई भी पति अपनी पत्नी को तीन तलाक देने की कोशिश करता है तो उसे इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)