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तीन तलाक पर तीन साल की जेल, बिल को कैबिनेट की मंजूरी 

तीन तलाक पर कानून बनाने के ड्राफ्ट का कई राज्यों ने किया समर्थन

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तीन तलाक पर तीन साल की सजा के प्रावधान को कैबिनेट ने दी मंजूरी 
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तीन तलाक पर तीन साल की सजा के प्रावधान को कैबिनेट ने दी मंजूरी 
(फोटो: द क्विंट)

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तुरंत तीन बार तलाक बोल कर तलाक देने पर तीन साल की जेल के प्रावधान वाले बिल को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इस बिल को अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है. बिल के मुताबिक तीन तलाक को गैर जमानती अपराध भी बनाने की तैयारी है. बिल के मुताबिक, एक बार में ट्रिपल तलाक देना अवैध माना जाएगा.

इन राज्यों ने किया था समर्थन

कानून मंत्रालय ने पिछले दिनं एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर कानून बनाने के लिए तैयार ड्राफ्ट पर राज्य सरकारों से राय मांगी थी. गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड समेत आठ राज्यों ने ड्राफ्ट बिल पर सरकार का समर्थन किया है, जबकि अन्य राज्यों के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.

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बिल की अहम बातें-

  • एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी और अवैध होगा
  • ऐसा करने वाले पति को होगी तीन साल के कारावास की सजा
  • ट्रिपल तलाक देना गैरजमानती और संज्ञेय अपराध होगा
  • पीड़िता को मिलेगा गुजारा भत्ता का अधिकार
  • मजिस्ट्रेट करेंगे इस मुद्दे पर अंतिम फैसला
  • जम्मू कश्मीर को छोड़ कर पूरे देश में लागू होना है
  • प्रस्तावित कानून केवल एक बार में तीन तलाक पर ही लागू होगा.
ट्रिपल तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने ठहराया था अवैध(फोटो: iStock)

महिलाओं को मिलेगा उनका हक

प्रस्तावित कानून केवल एक बार में तीन तलाक या तलाक ए बिद्दत पर ही लागू होगा.

यह पीड़िता को अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगाने का अधिकार देगा. इसके तहत, महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है और मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे.

मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर, ईमेल, एसएमएस या व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यम से) गैरकानूनी और अवैध होगा. मसौदा कानून के मुताबिक, ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार का मानना था कि यह परंपरा बंद हो जाएगी. लेकिन ये अब तक जारी रही. इस साल फैसले से पहले इस तरह के तलाक के 177 मामले, जबकि इस फैसले के बाद 66 मामले दर्ज हुए. उत्तर प्रदेश इस सूची में टॉप पर है. इसलिए सरकार ने कानून बनाने की योजना बनाई.

ये भी पढ़ें- 3 तलाक पर 3 साल की जेल मुमकिन, सरकार ने शुरू की तैयारी

(इनपुटः IANS से)

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Published: 15 Dec 2017,11:27 AM IST

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