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तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. ये याचिका 'समस्त केरल जमीयत उलेमा' की तरफ से दाखिल की गई है जो सुन्नी मुस्लिम संगठन है. इससे पहले 19 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. अगले ही दिन राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर अपनी मुहर भी लगा दी थी.
राज्यसभा में तीन तलाक बिल के अटकने की वजह केंद्र सरकार ने अब अध्यादेश का रास्ता चुना है. बता दें कि लोकसभा से तीन तलाक बिल पास हो चुका है. लेकिन ये बिल फिलहाल राज्यसभा में अटका पड़ा है. कांग्रेस ने इस बिल में कुछ बदलाव की मांग की थी. कांग्रेस की तरफ से संसद में कहा गया था कि इस बिल के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया जाना जरूरी है.
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