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मुंबई पुलिस ने कुछ टीवी चैनलों का नाम लेते हुए टीआरपी रैकेट का खुलासा करने का दावा किया है. मुंबई पुलिस कमिश्नर के मुताबिक अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी के अलावा दो अन्य चैनलों के नाम इस रैकेट में सामने आए हैं. जिन्होंने गलत तरीके से और पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाने का काम किया. इस मामले में दो चैनल मालिकों समेत कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस पूरे मामले को लेकर कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर अपना रिएक्शन दिया है.
सीनियर जर्नलिस्ट अजीत अंजुम ने ट्विटर पर टीआरपी घोटाले की इस खबर को पोस्ट करते हुए रिपब्लिक टीवी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,
जर्नलिस्ट निधि राजदान ने भी ट्विटर पर इस टीआरपी रैकेट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भले ही मुंबई पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन जांच में काफी देरी हो गई. निधि राजदान ने कहा,
टीवी इंडस्ट्री में टीआरपी के साथ छेड़छाड़ सबसे घिनौना राज है. मुंबई पुलिस इस पर जांच कर रही है इसमें कोई सरप्राइज नहीं है, लेकिन असली बात ये है कि इसमें काफी ज्यादा वक्त लग गया.
पत्रकार निकुंज गर्ग ने मुंबई पुलिस के इस खुलासे पर कहा कि, सही मायनों में रिपब्लिक टीवी झूठ बोलने का ड्रेडर है. सुशांत केस में मुंबई पुलिस की जांच पर किसी एजेंसी को शक नहीं था, सीबीआई को भी नहीं और ईडी को भी नहीं. वहीं एनसीबी ने भी कभी ये दावा नहीं किया और सीबीआई को मुंबई पुलिस की जांच में कोई कमी नहीं नजर आई.
जर्नलिस्ट राहुल कंवल ने भी इस मामले को लेकर कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी भरोसे और सम्मान के प्वाइंट्स होते हैं. उन्होंने लिखा,
जर्नलिस्ट संकेत उपाध्याय ने टीआरपी के गोरधंधे को लेकर कहा कि नफरत और मुनाफा कमाने वाली मीडिया के अंत की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि न्यूज चैनलों के टीआरपी स्कैम का भंडाफोड़ हुआ है, जिन्होंने भी ये घोटाला किया है उन्हें जेल होनी चाहिए.
मुंबई पुलिस कमिश्नर के टीआरपी स्कैम को लेकर किए गए दावों को लेकर रिपब्लिक टीवी की तरफ से कहा गया है कि ये सभी दावे झूठे हैं. चैनल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हमने सुशांत सिंह मामले को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर से सवाल पूछे थे, इसीलिए हमारा नाम लिया गया है. इसके लिए चैनल उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस करेगा. बार्क की किसी भी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का जिक्र नहीं है. भारत की जनता सच जानती है.
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