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ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर महिमा कौल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. महिमा ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर में 2015 से काम करना शुरू किया था. महिमा का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब ट्विटर कई सारे विवादों में फंसा है.
भारत में ट्विटर ने हाल के कुछ वर्षों से ही लोगों का ध्यान खींचना शुरु किया, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने इस पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया. ताजा विवाद किसान आंदोलन से जुड़े 250 ट्विटर हैंडल्स को ब्लॉक करने और फिर उन्हें रीस्टोर करने से जुड़ा है. ये सरकार और ट्विटर के बीच चल रहे विवादों की ही एक नई कड़ी है.
29 अक्टूबर 2020 को ट्विटर ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सामने पेश होकर माफी मांगी. दरअसल एक लाइव ब्रॉडकास्ट में लेह को चीन का हिस्सा दिखाया गया था. जिसके बाद डाटा प्रोटेक्शन बिल पर पुनर्विचार के लिए जेपीसी का गठन किया गया था.
मीडियानामा के संस्थापक निखिल पाहवा ने क्विंट को बताया कि ज्यादा संभावना इस बात की है कि सरकार आईटी एक्ट में संशोधन लाए और मध्यस्थों को नियंत्रित करने के लिए और कड़े नियम बनाये. उन्होंने बताया कि सरकार नियमों को कड़ा करने और मध्यस्थों को काबू में करने के लिए दो सालों से प्रयास कर रही है.
वहीं दूसरी ओर इस मामले में दबाव बढ़ने पर ट्विटर अदालत का रुख कर सकता है और सरकार के अकाउंट ब्लॉक करने के आदेश को चुनौती दे सकता है.
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