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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine) की वजह से जो भारतीय मेडिकल छात्र देश वापस लौट आए थे उनके लिए है खुशखबरी है. अब वो भारत से ही परीक्षा दे सकेंगे. अब छात्रों को अपनी परीक्षा देने के लिए यूक्रेन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, भारतीय छात्र यहां रहकर ही एग्जाम में शामिल हो सकेंगे. बता दें, यूक्रेन सरकार की ओर से भारतीय छात्रों को भारत से ही मुख्य परीक्षा देने की अनुमति दिए जाने की आधिकारिक घोषणा की गई है.
यूक्रेन भारतीय छात्रों को भारत से ही एग्जाम में बैठने की अनुमति देगा. यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा (Emine Dzhaparova) 10 से 12 अप्रैल तक भारत की तीन दिन की यात्रा पर रहीं. भारतीय मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर बुधवार (12 अप्रैल) को मंत्री ने कहा कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके देश से फाइनल एग्जाम देने की अनुमति देगा. विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को कहा, भारतीय मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर, उप विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके देश में एकीकृत राज्य योग्यता परीक्षा (Unified State Qualification Exam (USQE)) देने की अनुमति देगा.
पिछले साल फरवरी में जब वॉर शुरू हुआ था, तो करीब 19,000 भारतीय छात्र यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा हासिल कर रहे थे.
अनुमान के मुताबिक, करीब 2,000 भारतीय छात्र यूक्रेन वापस चले गए हैं और वे ज्यादातर पूर्वी यूरोपीय (East European) देश के पश्चिमी हिस्से (western part) में रह रहे हैं. यूक्रेन सरकार ने मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत दी है उनका कहना है कि, जो छात्र अभी भी भारत में हैं, वो ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं.
यात्रा के दौरान, यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने पहले विदेश मंत्रालय में सचिव संजय वर्मा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और फिर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात की.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "झापरोवा ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ मजबूत और घनिष्ठ संबंध बनाने की यूक्रेन की इच्छा जाहिर की है." साथ ही झापरोवा की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.
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