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उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर मामले की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है. इन्हें लेकर देशभर में कई जगहों पर लगातार प्रदर्शन भी जारी हैं. लेकिन इसी बीच यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर की तरफ से भारत में होने वाली बलात्कार की घटनाओं को लेकर टिप्पणी की गई और कहा गया कि महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने के लिए भारत सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए. अब इस बयान को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर की टिप्पणी गैर जरूरी थी.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया के सामने इस मामले पर कहा कि भारत सरकार बलात्कार और अन्य मामलों को गंभीरता से लेती है. उन्होंने कहा,
हाथरस और देश के अन्य राज्यों में लगातार सामने आ रही बलात्कार और हत्याओं की घटनाओं को लेकर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ने एक बयान जारी किया था. जिसमें उन्होंने ऐसी सभी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की थी. साथ ही भारत में लैंगिक भेदभाव और महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए थे. रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर की तरफ से दोषियों को कड़ी सजा देने की भी बात कही गई थी.
बता दें कि हाथरस मामले को लेकर पिछले करीब एक हफ्ते से काफी ज्यादा बवाल जारी है. विपक्षी दल लगातार योगी सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं इस मामले में अब कई नए एंगल भी जोड़े जा रहे हैं. खुद सीएम योगी ये दावा कर चुके हैं कि विपक्षी ताकतों ने उनके खिलाफ साजिश रची है. उन्होंने कहा था कि कुछ ताकतें यूपी में दंगा करवाने की साजिश कर रही हैं और इसके लिए उन्हें विदेशी फंडिंग हो रही है. हालांकि कांग्रेस ने इन सभी दावों को नकार दिया है और इस बयान को हास्यास्पद बताया है.
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