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उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में महोबा और जालौन जिले में कथित रूप से बाढ़ और अतिवृष्टि से फसल नष्ट हो जाने से परेशान दो कर्जदार किसानों ने शनिवार को आत्महत्या कर ली.
महोबा जिले के कुलपहाड़ तहसील के तहसीलदार सुबोधमणि शर्मा ने रविवार को बताया, "छह बीघे भूमि के खेतिहर किसान सुरेशचंद्र तिवारी (55) ने शनिवार को अपने खेत में जहर खा लिया था. परिजन उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए बेलाताल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया."
मृत किसान के बेटे राजेश ने बताया, "पिछले दो साल सूखा पड़ा रहा और इस साल बाढ़ और अत्यधिक बारिश से छह बीघे खेती में बोई उर्द, मूंग और तिल की फसल नष्ट हो गई है. उधर, आर्याव्रत बैंक शाखा मुढारी के कर्मचारी लगातार एक लाख रुपये कर्ज की वसूली का दबाव बना रहे थे, जिसके चलते पिता ने आत्महत्या कर ली है."
पुलिस ने बताया कि किसान के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है और घटना की जानकारी जिलाधिकारी को दे दी गई है.
इस बीच, जालौन जिले के माधौगढ़ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) जे.पी. पाल ने बताया, "जमरेही अव्वल गांव के किसान राजाभइया दोहरे (45) का शव शनिवार को गांव के बाहर एक आम के पेड़ से फांसी के फंदे से लटका हुआ बरामद किया गया है."
उन्होंने बताया कि किसान के परिजन आत्महत्या का कारण बैंक कर्ज की अदायगी न कर पाना बता रहे हैं.
उसने बताया कि "24 सितंबर को लगी लोक अदालत में भी ब्याज में कोई भी छूट न मिलने से वह (किसान) परेशान थे. शुक्रवार शाम बिना बताए घर से निकले थे और शनिवार सुबह पेड़ से लटके मिले हैं."
माधौगढ़ के तहसीलदार पी.एन. प्रजापति ने कहा, "पुलिस और राजस्व अधिकारी मृत किसान की आत्महत्या के कारणों की जांच कर रहे हैं. बैंक से भी कर्ज और वसूली नोटिस की जानकारी जुटाई जा रही है. किसान के परिजनों को नियमानुसार सरकारी मदद दी जाएगी."
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