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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. सरकार ने कृषि क्षेत्र का निर्यात 2022 तक दोगुना कर 60 अरब डॉलर पर पहुंचाने के उद्देश्य से ये फैसला लिया है.
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्री सुरेश प्रभु ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी का मकसद चाय, कॉफी, चावल और दूसरी चीजों के निर्यात को बढ़ावा देना है. इससे वैश्विक कृषि व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी.
मंत्रिमंडल की मीटिंग के बाद जानकारी देते हुए प्रभु ने कहा, ‘‘एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी का उद्देश्य साल 2022 तक देश का कृषि निर्यात दोगुना कर 60 अरब डालर तक पहुंचाना है. इस नीति में कृषि निर्यात से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर किया गया है. इसमें ढांचागत सुविधाओं का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमन को बेहतर बनाना, बिना सोचे फैसले फैसलों पर अंकुश और शोध और विकास गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है.”
कॉमर्स मंत्री ने कहा कि पॉलिसी में जैविक उत्पादों के निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाने पर भी जोर दिया गया है. एक अधिकारी के मुताबिक, इस पॉलिसी के क्रियान्वयन में अनुमानित 1400 करोड़ रुपए का वित्तीय असर होगा.
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