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पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र लगातार पड़ोसी राज्य गुजरात के हाथों कई बड़ी परियोजनाओं को खो रहा है. इस बीच मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में टाटा समूह से निवेश की मांग करते हुए एक पत्र लिखा है. बुनियादी ढांचे, भूमि की उपलब्धता और कनेक्टिविटी जैसे मजबूत बिंदुओं का हवाला देते हुए, मंत्री ने नागपुर और उसके आसपास टाटा समूह से निवेश की मांग की. सूत्रों ने बताया कि यह पत्र करीब तीन सप्ताह पहले, 7 अक्टूबर को लिखा गया था. टाटा समूह की कंपनियां स्टील, ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता उत्पाद, आईटी सेवाओं और विमानन जैसे व्यवसायों में लगी हुई हैं. बता दें, गडकरी नागपुर से लोकसभा सदस्य हैं.
हाल ही में, गुजरात को कई बड़ी परियोजनाएं मिलीं, जिनमें चिप निर्माण में फॉक्सकॉन-वेदांता से 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश और टाटा-एयरबस की लगभग 22,000 करोड़ रुपये की विमान निर्माण परियोजना शामिल है. महाराष्ट्र भाजपा, जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी है, महाराष्ट्र से गुजरात दो मेगा परियोजनाओं के चले जाने के बाद उसको आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. गुजरात में इस साल के अंत में चुनाव होनेवाले हैं.
ऐसे में गुजरात के हाथों राज्य के बड़े प्रोजेक्ट हारने के बाद विपक्षी दलों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को दोषी ठहराया है. शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को एक ट्वीट में पूछा था- "एक और परियोजना! मैंने जुलाई से इसके लिए आवाज उठाई , 'खोके' सरकार को इसके (टाटा एयरबस) लिए प्रयास करने के लिए कहा. मुझे आश्चर्य है कि पिछले 3 महीनों से हर परियोजना दूसरे राज्यों में क्यों जा रही है. उद्योग के स्तर पर 'खोके' सरकार में विश्वास की कमी स्पष्ट. 4 प्रोजेक्ट गंवाने के बाद क्या उद्योग मंत्री इस्तीफा देंगे?"
वहीं शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया- "क्या इसके लिए महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री इस्तीफा देंगे? ओह रुको, राज्य को विफल करने की जिम्मेदारी लेने के लिए एक रीढ़ की हड्डी की जरूरत है. लेकिन फिर, केवल एक चीज जो मायने रखती है वह है 50 'खोके'."
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