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देश में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है. दिल्ली में शाहीन बाग और खुरेजी जैसे इलाकों में महिलाएं इन प्रदर्शनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. हालांकि ज्यादातर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन कहीं-कहीं हिंसा की भी खबरें आईं हैं. उत्तर प्रदेश में पुलिस पर प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने का आरोप भी लगा है.
इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन से जुड़ी हिंसा में कई मौतें भी हो चुकी हैं. अब इन मौतों और प्रदर्शनों पर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने चिंता जताई है.
जेनेवा में मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में इसकी प्रमुख मिशेल बेचलेट ने भारत में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर चिंता जताई है. अपने संबोधन में मिशेल ने कहा कि इस कानून के खिलाफ हर समुदाय के भारतीय ज्यादातर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं.
मानवाधिकार परिषद ने केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में नेताओं की हिरासत, इंटरनेट पर पाबंदी और मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों को लेकर भी चिंता जताई है.
परिषद ने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को आंशिक रूप से शुरू किया गया है, लेकिन सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर काफी पाबंदी है.
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