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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao) में सदर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहने वाले दलित (Dalit) युवक ने एक पत्रकार पर आंख फोड़ने ओर जातिसूचक गालियां देने के साथ ही मारपीट का आरोप लगाते हुए सदर कोतवाली में तहरीर दी थी. लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया. काफी दबाव के बाद बीते गुरुवार को आरोपी पत्रकार समेत एक नामजद और अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.
मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पीड़ित ने बीते शनिवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार मे गुहार लगाई. जिसके बाद उन्नाव के अफसरों को जमकर फटकारा गया और गिरफ्तारी के आदेश दिए है. 3 दिन बीत जाने के बाद भी उन्नाव पुलिस के हाथ खाली हैं और अब तक अपराधिक प्रवृत्ति के पत्रकार को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. इस वजह से उन्नाव पुलिस की सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी भी हो रही है.
मोहल्ला पूरब खेडा सिविल लाइन निवासी विशाल सिंह पुत्र भूधर प्रसाद ने बीते गुरुवार को सदर कोतवाली में तहरीर देकर गौरव अगिनोत्री, पत्रकार राजेश बाजपेयी ओर अज्ञात के खिलाफ एससीएसटी, समेत गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था. पीड़ित ने तहरीर में दर्शया की 5 जुलाई की रात नामित आरोपियों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी जिससे उसकी आंख फूट गई. मुकदमे की जांच क्षेत्राधिकारी नगर आशुतोष कुमार के द्वारा की जा रही थी. मुकदमा दर्ज होने के दो दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई.
जिसके बाद पीड़ित विशाल ने बीते शनिवार की सुबह लखनऊ पहुंच कर मुख्यमंत्री दरबार मे न्याय की गुहार लगाई. बताया जाता है कि पीड़ित ने आरोपी राजेश बाजपेयी के खिलाफ दर्ज बाईस मुकदमों की सूची सौंपी तो सीएम का पारा हाई हो गया.
मुख्यमंत्री ने पीड़ित की सुनवाई करने के बाद सीधे उन्नाव एसपी को फोन कर गिरफ्तारी के आदेश दिए. सीएम का फोन आते ही उन्नाव के अफसरों में हड़कंप मच गया. आनन फानन में पुलिस की टीमों को एक्टिव किया गया. सूत्र बताते है कि पुलिस की टीम ने आरोपी राजेश बाजपेई के घर पर दो बार दबिश दी है लेकिन आरोपी अभी गिरफ्तार नहीं हो सका है.
पुलिस का दावा है जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा
बताया जाता है कि बीते शनिवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचे उन्नाव के पीड़ित ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलते ही कहा कि उन्नाव में दूसरा विकास दूबे पैदा हो गया है उस पर कुल 22 दर्ज मुकदमों की सूची सीएम को सौंपी थी. पीड़ित ने मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि यदि वह उन्नाव लौटा तो उसकी हत्या भी करवा सकते हैं.
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