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इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना भी खाते हैं, रसगुल्ले की चाह कभी खत्म नहीं होने वाली. लेकिन होममेकर से उद्यमी बनी कोलकाता की स्वाति सराफ प्यारे रसगुल्ले को लेकर आपकी पूरी सोच बदल देने वाली हैं.
करीब 250 फ्लेवर, जिसमें कुछ अजीबोगरीब टेस्ट से लेकर बिल्कुल नए नवेले आविष्कार शामिल हैं. यह महिला सबसे लोकप्रिय बंगाली मिठाई की नए सिरे से खोज रही हैं. इसकी शुरुआत मिठाइयों की बर्बादी (जो त्योहारों के मौके पर बिना बिके बच जाती हैं ) रोकने से हुई थी, जो कि अब कारोबार का रूप ले चुकी है.
रेगुलर फ्रूटी फ्लेवर से लेकर कोलकाता की स्पेशल झाल और पुचका रसगुल्ला, करेला, धनिया-पुदीना और लौंग रसगुल्ला से लेकर वोदका रसगुल्ला तक, स्वाति की दुकान पर इंद्रधनुषी रसगुल्लों की बहार है.
स्वाति के सफर की शुरुआत अप्रैल 2016 से हुई, जब उन्होंने देखा कि नई पीढ़ी में परंपरागत बंगाली मिठाइयों में रुचि कम होती जा रही है. इसके लिए साथ ही बुजुर्गों में भी डायबिटीज जैसी बीमारियों की वजह से परहेज बढ़ रहा था. इन बातों ने स्वाति को कुछ हटकर करने के लिए प्रेरित किया.
द क्विंट के साथ बातचीत में स्वाति ने अपनी शुरुआत के बारे में बताया,
हम सब सफेद स्पंजी रसगुल्ला खाने के आदी हैं, जो मुंह में घुल जाता है, लेकिन क्या आप हरी मिर्च के स्वाद वाला रसगुल्ला आजमाना चाहेंगे? आपने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी तीखा और चटपटा सूप जरूर पिया होगा, लेकिन तीखे और चटपटे रसगुल्ले के बारे में क्या ख्याल है? सुनने में अजीब लगता है ना?
पर स्वाति का नजरिया अलग है.
जब उनसे पूछा गया कि आपको किस बात ने किस्म-किस्म की चीजों को मिलाने के लिए प्रेरित किया, उनका जवाब था,
कोलकाता में जन्मी और बड़ी हुई स्वाति बंगाली नहीं होते हुए भी खुद को खांटी कोलकाता वासी मानती हैं.
स्वाति को प्रयोगों और नई खोजों में मजा आता है. यही वजह है कि एक बार तो नए साल की पार्टी में उन्होंने वोदका रसगुल्ला ही सप्लाई कर दिया था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सीजन चाहे त्योहारों का हो या कोई और वो इससे तालमेल बिठाते हुए अपने लगातार बढ़ते जा रहे ग्राहकों के लिए मेन्यू अपडेट करती रहती हैं.
स्वाति का मैगी रसगुल्ला, चॉकलेट रसगुल्ला और बबलगम रसगुल्ला बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं.
250 फ्लेवर वाला मेन्यू रखने वाली स्वाति के बारे में स्वाभाविक रूप से कोई भी सोचेगा कि उन्होंने ये सब तैयार करने के लिए काम करने वालों की फौज रखी होगी. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. उनका घर ही वर्कशॉप है और उनके परिवार के सदस्य हेल्पर. स्वाति रोजाना 5,000 रसगुल्ले तैयार करती हैं और अपने परिवार को अपनी सबसे बड़ी ताकत मानती हैं.
विस्तार की योजना के बारे में पूछे जाने पर उनका जवाब है,
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