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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमेठी (Amethi) के संजय गांधी अस्पताल में एक विवाहित महिला की मौत के बाद अमेठी प्रसाशन ने अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है. इसके बाद एक हजार से ज्यादा नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्रों का भविष्य अधर में अटक गया तो करीब चार सौ से अधिक कर्मचारियों के जीवन यापन पर भी संकट खड़ा हो सकता है.
दअरसल 14 सितंबर को पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए अनुज शुक्ला नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी दिव्या शुक्ला को इस हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. 15 सितंबर को उसे ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया देना था लेकिन ओवरडोज देने के वजह से वह कोमा में चली गई.
16 सितंबर को परिजन उसे लेकर लखनऊ के मेदांता अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में मुंशीगंज थाने में अस्पताल के सीईओ समेत तीन डॉक्टरों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ.
मामला हाई प्रोफाइल होने के बाद सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने भी संज्ञान लेते हुए अमेठी प्रसाशन को अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया. सीएमओ की जांच में अस्पताल प्रसाशन दोषी पाया गया और उसके लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया.
अमेठी के मुंशीगंज में संजय गांधी ट्रस्ट द्वारा संजय गांधी अस्पताल चलाया जा रहा था. अस्पताल परिसर में ही नर्सिंग और पैरामेडिकल का कॉलेज भी चलता है, जिसमें करीब एक हजार छात्र छात्राएं पढ़ते हैं और संजय गांधी अस्पताल में ही उनकी ट्रेनिंग होती है.
इस अस्पताल में डॉक्टरों, स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड समेत चार सौ से अधिक कर्मचारी तैनात हैं. अगर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से समाप्त हो जाता है तो इन लोगों की नौकरी चली जायेगी. साथ ही अस्प्ताल में पढ़ने वाले पैरामेडिकल और नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को दूसरी जगह जाकर ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी.
पूरे मामले पर अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा ने कहा,
उन्होंने आगे कहा कि, "आखिरी फैसला क्या लेना है इस पर विचार किया जा रहा है. अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे. फिलहाल अस्पताल के निलंबन ने नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज पर प्रभाव नहीं पड़ेगा."
वहीं अस्पताल में इलाज कराने मरीज के साथ आए परिजनों ने कहा कि शनिवार तक यहां इलाज हो रहा था लेकिन किसी हादसे की वजह से अस्पताल को बंद कर दिया गया है. रोजाना हजारों लोग यहां इलाज कराने आते थे अब वो कहीं और जाएंगे. हादसे तो सभी अस्पतालों में होते रहते है इसका ये मतलब नही है की अस्पताल को ही बंद करवा दिया जाए.
वहीं एक बुजुर्ग महिला सितारा देवी का इलाज करवा रही उसकी बेटी नीता ने कहा कि उसकी मां का इलाज चल रहा था लेकिन अभी अस्पताल प्रसाशन कह रहा है कि अस्पताल बंद हो रहा है उन्हें लेकर जाइए. अब ऐसे समय में जब मरीज की हालत सीरियस है तो उसे कहा लेकर जाएं?
पूर्व एमएलसी और कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि, "जिस तरह से अस्पताल को बंद किया गया है, यह स्पष्ट हो गया है कि स्मृति ईरानी विकास नहीं विनाश लेकर आईं थीं. विनाश के क्रम में संजय गांधी अस्पताल को बंद कर दिया गया है. कम पैसों में यहां इलाज होता है, मौतों का आंकड़ा इस अस्पताल में सबसे कम है."
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश को वापिस लेने की मांग की है.
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