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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अपने गृह नगर गोरखपुर के दौरे पर हैं. योगी ने बीआरडी अस्पताल का जायजा लेने के बाद कहा कि दिमागी बुखार के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत पर सियासत नहीं होनी चाहिए, इस मौके पर संवेदना की जरूरत है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बच्चों की मौत की जांच कमेटी कर रही है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस बीमारी की समस्या के प्रति हम गंभीर हैं और इसका हल निकालना चाहते हैं.
गोरखपुर के इसी अस्पताल में एक सप्ताह के भीतर 63 बच्चों की मौत हो गई थी. सरकार का दावा है कि बच्चों की मौत दिमागी बुखार से हुई है. दूसरी ओर कुछ रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि इंसेफेलाइटिस वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई न होने की वजह से भी कुछ मौतें हुई हैं.
सीएम योगी के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी अस्पताल पहुचे हैं.
अस्पताल के दौरे के बाद मुख्यमंत्री योगी बोले-
इससे पहले शनिवार को सीएम योगी ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. सीएम योगी ने सफाई दी कि बच्चों की मौतों का कारण अलग-अलग है और बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उनके स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में किसी बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई, हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि 10 अगस्त को लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति 4 घंटे के लिए बाधित रही थी.
इससे पहले इलाहाबाद में एक सभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि गोरखपुर में बच्चों की मौत गंदगी भरे वातावरण और खुले में शौच के चलते हुई है.
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