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समाज के ठेकेदारों को ना तो सुप्रीम कोर्ट का डर है और ना ही कानून का भय. खाप पंचायतों का जो जी करता है, वही फरमान सुना देती हैं. एक ऐसा ही अजीब मामला शुक्रवार को बुंदेलखंड के झांसी में सामने आया, जहां खाप पंचायत ने एक अंतजार्तीय दंपति को गोमूत्र पीने और गोबर खाने की शर्त पर बिरादरी में शामिल करने का फरमान सुनाया था, लेकिन समय रहते पुलिस पहुंच गई.
झांसी शहर के हंसारी ग्वालटोली निवासी भूपेश पाल ने 30 जून 2015 को एक गैर बिरादरी की महिला से अंतजार्तीय विवाह किया था. जिसकी वजह से पाल बिरादरी के लोगों ने भूपेश के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. शादी, विवाह की पंगत में भोजन करने पर भी प्रतिबंध था. कुछ दिन पूर्व बिरादरी में शामिल किए जाने के लिए पाल समाज के लोगों ने एक खाप पंचायत बुलाई थी, जिसमें पंचायत ने अपने तुगलकी फरमान में कहा था कि दंपति को गोमूत्र पीने और गोबर खाने की शर्त पर ही बिरादरी में शामिल किया जा सकता है.
नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) संग्राम सिंह ने मीडिया को बताया,
उन्होंने कहा कि खाप पंचायत में शामिल छह पंचों के खिलाफ शांति भंग के आरोप में निरोधात्मक कार्यवाही भी की गई है.
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