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लखीमपुर में राकेश टिकैत के भरोसे से माहौल हुआ शांत, जमकर राजनीति- 10 बड़ी बातें

हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से मामले की जांच करवाने के लिए सरकार तैयार हो गई है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>लखीमपुर खीरी में&nbsp; भारी हिंसा</p></div>
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लखीमपुर खीरी में  भारी हिंसा

फोटोः क्विंट हिंदी

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर (Lakhimpur violence) में 3 सितंबर को किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए हिंसक टकराव में 9 लोगों की मौत और हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामे के बाद अब जाकर मामला शांत होता नजर आ रहा है.

सरकार की ओर से किसानों की मांगे मान ली गई हैं और किसान विरोध खत्म करने के लिए तैयार भी हो गए. सरकार ने मृतकों के परिवारों को 45 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी का ऐलान किया.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का केस भी दर्ज कर लिया है और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से मामले की जांच करवाने के लिए सरकार तैयार हो गई है. ये सब कुछ किसानों और पुलिस के बीच हुई बातचीत के बाद हुआ.

विरोध कर रहे किसान शवों के पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं थे लेकिन राकेश टिकैत के समझाने के बाद इसके लिए भी तैयार हो गए. पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों की टीम भी गठित कर दी गई है.

10 घटनाओं के जरिए समजिए दिन भर क्या-क्या हुआ ?

  • 1. किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ लखीमपुर हिंसा मामले में पुलिस शिकायत दर्ज करवाई. इसके अलावा मृतकों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की. इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग के साथ एक मेमोरेंडम लखीमपुर खीरी के डीएम ए के चौरसिया को भेजा.

  • 2. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लखीमपुर जाने का ऐलान किया तो पुलिस ने लखनऊ में उनके घर के रास्ते को बैरिकेड लगाकर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद अखिलेश यादव घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए और कहा कि "बीजेपी सरकार किसानों के साथ ऐसा बर्ताव कर रही है ऐसा बर्ताव अंग्रेजों ने भी नहीं किया होगा."

इसके थोड़ी देर बाद खबर आई अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, हालांकि दोपहर होते-होते उन्हें छोड़ दिया गया.
  • 3. पंजाब के नेताओं के लखीमपुर जाने की खबरों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा अपने राज्य से किसी को भी लखीमपुर न आने दें जहां धारा 144 लगी हुई है.

  • 4. इसके बाद धीरे-धीरे राजनैतिक माहौल और गरम होता गया और नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुई. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गुंडाराज है तो सुखबीर सिंह बादल ने भी दोषियों को जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग की.

  • 5. दोपहर 1 बजे के करीब उत्तर प्रदेश के एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर, प्रशांत कुमार ने बताया कि सरकार 4 किसान परिवारों को जिनकी मौत कल हिंसा के दौरान हुई थी, 45 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी देने के लिए तैयार है. इसके अलावा यह भी ऐलान हुआ किसानों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज होगी.

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  • 6. इसके अलावा हिंसा में घायल हर व्यक्ति को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान हुआ और किसानों की इस मामले में न्यायिक जांच की मांग को भी सरकार ने मान लिया और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से मामले की जांच कराने की घोषणा की.

  • 7. इस पूरे ऐलान के बाद बीजेपी नेता अजय मिश्रा जिनके बेटे पर किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप है, खुद सामने आए और कहा कि जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हिंसा में मौत हुई है उनके परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने अपने बेटे का भी बचाव किया और कहा कि अगर मेरा बेटा वहां होता तो मारा जाता. कुछ वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमलावर लाठी-डंडों और तलवारों के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे थे.

  • 8. इसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सामने आए और इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इतने बड़े मामले में न प्रधानमंत्री का कोई ट्वीट आया है न ही किसी बीजेपी नेता का कोई बयान. इसके अलावा उन्होंने भी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने 5 अक्टूबर को देश भर में डीएम कार्यालयों के घेराव का ऐलान कर दिया.

  • 9. इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को मनाने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत की भी मदद ली. किसान शवों के पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं थे लेकिन राकेश टिकैत के समझाने के बाद और बाकी मांगों को मनवाने के बाद किसान पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गए. सरकार ने भी तीन डॉक्टरों की एक टीम से पोस्टमार्टम कराने का ऐलान कर दिया.

  • 10. शाम होते-होते ममता बनर्जी और असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के राम राज्य के दावों पर सवाल उठाते हुए लखीमपुर घटना की निंदा की. इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी की हिरासत के विरोध में दिन भर अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन करते रहे.

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