advertisement
(अगर आप को खुदकुशी करने जैसा लगता है या फिर किसी को जानते हैं जो तनाव में है तो उनकी मदद करें और लोकल इमरजेंसी नंबर, हेल्पलाइन या फिर किसी मानसिक सेहत के लिए काम करने वाले NGO को फोन करें)
19 अक्टूबर को वानिया असद शेख का छोटा भाई हमजा सत्रह साल का हो रहा था. मेरठ (Meerut) के रशीद नगर में एक साथ रहने वाले पूरे संयुक्त परिवार में इकलौती बेटी के रूप में, वानिया को बहुत लाड़ प्यार मिलता था, लेकिन वानिया परिवार में अगर किसी को सबसे ज्यादा लाड़ प्यार करती थी तो वो हमजा था.
मेरठ पुलिस का कहना है कि उनके पास वानिया शेख को थप्पड़ मारे जाने की रिकॉर्डिंग है. इसके बाद वह कॉलेज की लाइब्रेरी की छत पर चढ़ गई और कूद गई. ये वारदात कैमरे में कैद हो गई और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वानिया के पिता, असद सबीह को कुछ देर बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने सूचित किया कि उनकी बेटी को चोट लग गई है. वो हमजा के साथ वहां पहुंचे. वानिया कभी उनके साथ अपना जन्मदिन मनाने के लिए घर नहीं लौट पाई.
48 घंटे बाद 21 अक्टूबर को वानिया ने दम तोड़ दिया.
द क्विंट ने वानिया के परिवार से मेरठ में मुलाकात की. परिवार को यह सब जो कुछ हुआ वो समझ में नहीं आ रहा है. अपनी कक्षा के सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक, 20 साल की वानिया मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) पाठ्यक्रम के लिए की विदेशी विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहती थी. इसके लिए वो फॉर्म भरने का प्लान कर रही थी. उसके पिता असद ने द क्विंट को बताया,
वानिया ने सुभारती डेंटल कॉलेज में ज्वाइन करने के तुरंत बाद 'सबसे एडोरेबल स्टूडेंट' का पुरस्कार भी जीता. डेंटल में दिलचस्पी के अलावा अंग्रेजी साहित्य के उपन्यास पढ़ना उसका पसंदीदा शगल था. द क्विंट को उसकी किताबों का कलेक्शन दिखाते हुए शेख जरदार ने बताया कि, “हर कोई कोर्स-वर्क से संबंधित किताबें पढ़ता है, लेकिन वह उपन्यास और कविता पढ़ने के लिए समय निकालती थी. उसे पढ़ने का जुनून था और उसे किताबें जुटाना बहुत पसंद था. उसकी कलेक्शन में खालिद होसैन की बुक A Thousand Splendid Sun, कैरेन स्लॉटर की क्रिमिनल टू गूड वाइबस और वैक्स किंग की गुड लाइफ थी.
देहरादून के एक कॉलेज में इंजीनियरिंग के छात्र उसका भाई जरदार कहता है “वो बहुत पढ़ाकू थी. वो मुझसे रश्क रखती थी, वो अक्सर कहा करती थी, भाई मुझे तुमसे ज्यादा नंबर आएंगे और ऐसा निश्चित तौर पर वो करती भी थी.
वानिया के दादा-दादी के कुल सात पोते-पोतियां हैं, लेकिन उनमें वह इकलौती पोती थीं.उसके दादा ने कहा, “वह वर्षों तक बिना नागा किए के हर रात मेरे लिए गर्म दूध लाती थी. वह आदर्श संतान थी, .
तीनों भाई-बहन- जरदार, वानिया और हमजा एक दूसरे के बहुत करीब थे. अपनी बातें और कार्यक्रम वो एक दूसरे से साझा करते थे. लेकिन जरदार अफसोस करते हुए बताते हैं कि, “ काश उसने हमें उस लड़के के बारे में बताया होता जिसने उसे परेशान किया था. बस यही हमारा अफसोस है कि उसने इसे हमारे साथ साझा नहीं किया. अगर उसने बताया होता तो हम निश्चित रूप से उसकी मदद करने की कोशिश करते.
अपने कॉलेज की इमारत से कूदने के कुछ मिनट बाद, वानिया का परिवार उसे देखने के लिए भागा लेकिन वो उसे मशीनों से जुड़ा हुआ, सुभारती मेडिकल कॉलेज के ICU में बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ पाया.
एक दिन बाद पिता ने यूनिवर्सिटी के नजदीकी थाना जानी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करा दिया. द क्विंट को मिली FIR की कॉपी बताती है कि, जब सिक्योरिटी पोस्ट होते हुए कैंटीन की ओर जा रही थी तभी उसे सिद्धांत ने रोका, उसने गलत इरादे से उसे पकड़ लिया, वानिया के पिता कहते हैं- मेरी बेटी वानिया ने अपने को बचाने की कोशिश की ..इस वजह से सिद्धांत के चेहरे पर कुछ खरोंच आ गए. सिद्धांत ने फिर तब वानिया को गलत इरादे से जोर से पकड़ लिया.
शिकायत करने वाली की बेटी ने तब खुद को बचाने और अपनी सम्मान की रक्षा के लिए वो लाइब्रेरी की टैरिस की तरफ दौड़ी और वहां से कूद गई. ”
सिद्धांत को उस दिन बाद में मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उस पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और धारा 504 ( भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) का आरोप लगाया गया था. इसके अलावा, मेरठ के एसपी (ग्रामीण) केशव कुमार ने द क्विंट को बताया कि आरोपी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज किया गया है.
हालांकि, 23 अक्टूबर को, मेरठ पुलिस ने ट्वीट किया: “(मृतक) लड़की आरोपी के साथ रिश्ते में थी और उनका रिश्ता खराब दौर से गुजर रहा था. लड़की ने एक दोस्त की मदद से अपने प्रेमी की "वफादारी" की परीक्षा लेने की कोशिश की. आरोपी को जब ये पता चला तो वो भड़क गया और लड़की को थप्पड़ मार दिया. इसके बाद उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.उपरोक्त घटना और तथ्यों की पुष्टि करने के लिए सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल रिकॉर्डिंग और चैट है.
द क्विंट से बात करते हुए, एसपी केशव कुमार ने कहा कि-
एस पी का कहना है कि थप्पड़ मारने के बाद ही वानिया ये कदम उठाने के लिए मजबूर हुई.
हालांकि, वानिया का परिवार का दावा है कि यह चरित्र हनन है और घटना की जो गंभीरता है और जो कुछ दरअसल हकीकत में हुआ उस पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है’. उसके पिता कहते हैं, "उन्होंने उसे शांति से जीने नहीं दिया . और अब उसकी मौत के बाद भी, वे उसके चरित्र पर सवाल उठाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं.
मेरी बेटी पांच वक्त की नमाजी थी. रात में देर से की जाने वाली विशेष प्रार्थना तहज्जुद के लिए उठती थी. और यहां तक कि अगर कुछ चल रहा था (उनके बीच), तो वानिया उसकी (सिद्धांत की) निजी संपत्ति नहीं हो जाती. इससे उसे थप्पड़ मारने का अधिकार नहीं मिल जाता, वह उसे इस तरह थप्पड़ मार कर अपमान नहीं कर सकता. यह उत्पीड़न है.”
इसके अलावा, परिवार का आरोप है कि सिद्धांत पिछले कुछ समय से उसे परेशान कर रहा था. उसके पिता ने द क्विंट को बताया कि, “कुछ दिनों पहले, उसने मुझसे कहा था कि सिद्धांत उसे परेशान कर रहा है और उसका अपमान कर रहा है. लेकिन यह इस हद तक चला गया था इसकी जानकारी नहीं थी.उसने मुझे बताया कि उसने कॉलेज के अधिकारियों से उसके व्यवहार के बारे में शिकायत की है,
सुभारती यूनिवर्सिटी में सुरक्षा में चूक के बड़े सवाल भी उठ रहे हैं. 21 अक्टूबर को उसके निधन के बाद से, छात्रसंघ विश्वविद्यालय में "सुरक्षा और ग्रीवांस सिस्टम की ढीली नीतियों" का विरोध कर रहे हैं.
छात्र सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष करर हुसैन ने कहा -
छात्र नेता और वानिया के घरवाले भी सवाल कर रहे हैं कि सिद्धांत अगर कुछ समय से उन्हें परेशान कर रहे थे तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
द क्विंट ने सुभारती डेंटल कॉलेज के प्राचार्य और डीन डॉ निखिल श्रीवास्तव से संपर्क किया. उनके परिवार के एक सदस्य ने फोन पर जवाब दिया कि वो 27 अक्टूबर तक छुट्टी पर हैं और उसके बाद ही बातचीत कर पाएंगे. द क्विंट ने छात्र कल्याण के डीन डॉ प्रदीप राघव को एक विस्तृत प्रश्नावली भी भेजी है, लेकिन हमें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. जब कोई जवाब आएगा तो रिपोर्ट में अपडेट कर दिया जाएगा.
हालांकि, पुलिस ने विश्वविद्यालय के खिलाफ अभी तक किसी भी तरह की जांच शुरू करने से इनकार कर दिया है. एसपी ने कहा “जब विश्वविद्यालय के खिलाफ कोई शिकायत होगी, तो हम जांच करेंगे. लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं हुई है, ”
24 अक्टूबर को, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद वानिया के परिवार से मिलने और अपनी संवेदना जताने आए. मीडिया से बात करते हुए आजाद ने कहा-
छात्र नेताओं ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनसे मामले की जल्द जांच और न्याय की मांग की है. अभी तक सीएम ने इस घटना पर कुछ नहीं कहा है.
परिवार ने मुख्यधारा के मीडिया के कवरेज की कमी के साथ-साथ राज्य के राजनीतिक नेतृत्व की ठंडी प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाए.वानिया के चचेरे भाई मोहम्मद आबिद कहते हैं,
“अगर यह एक मुस्लिम लड़के का एक हिंदू लड़की को परेशान करने का मामला होता, लड़की की अगर मौत हो गई होती, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक दिन में उसके घर पर बुलडोजर चल गए होते. यही हकीकत है. लेकिन यहां कोई हमसे संपर्क करने की जहमत भी नहीं उठा रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)