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नेताओं में दलितों के घर जाकर खाना खाने की होड़ लगी है. इसी होड़ में यूपी की योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा भी शामिल हो गए. मंगलवार को सुरेश राणा सूबे के अलीगढ़ में एक दलित के घर खाना खाने पहुंचे. लेकिन खाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया.
दरअसल, योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा दलित के घर तो पहुंचे, लेकिन खाना खाया हलवाई के हाथ का. इतना ही नहीं एक दूसरे मंत्री ने तो दलित के घर खाना खाने को रामायण काल के राम और शबरी की परंपरा तक बता दिया.
जिस घर सुरेश खाना खाने गए थे उसके मालिक रजनीश कुमार ने बताया,
इस बारे में जब सुरेश राणा से पूछा गया तो उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके साथ करीब 100 लोग गए थे, इसलिए खाना हलवाई के पास से मंगवाया गया.
राणा ने कहा,
बता दें कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत बीजेपी ने अपने सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को ऐसे इलाकों में कम से कम एक रात रुकने के लिए कहा है, जहां लगभग 50 प्रतिशत आबादी दलित और पिछड़ों की हो. लेकिन दलित के घर खाना बीजेपी के लिए आए दिन विवाद खड़ा कर रहा है.
बीजेपी के एक और नेता और यूपी के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप ने भी दलितों के घर खाना खाने को लेकर अटपटा बयान दिया है. मंगलवार की झांसी के गढ़मऊ में चौपाल और गरीब परिवार में भोजन का कार्यक्रम के दौरान यूपी सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,
मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा, “मैं क्षत्रिय पुत्र हूं. मेरे रक्त में देश, समाज और धर्म की रक्षा का दायित्व है. राम ने भी शबरी के जूठे बेर खाए थे. इनका प्यार देख रहे हैं आप. पूरे परिवार के चेहरे का भाव पढ़िए. इन्हें लगता है कि इन्हें कोई अनमोल चीज मिली है, जिसे ये खरीद नहीं सकते."
दरअसल, दलितों के मुद्दे पर घिरती बीजेपी खुद को दलितों को हितैषी बताने में जुटी है. इसी को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के सीएम से लेकर मंत्री दलितों के घर रात में रुक रहे हैं तो कभी दलितों के घर खाना खा रहे हैं.
बता दें कि अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतापगढ़ इलाके में दलित परिवार के घर जाकर खाना खाया था. लेकिन उस वक्त भी योगी के दलित के घर खाना खाने को लेकर भी विवाद हुआ था. तब मीडिया में ये खबरें आई थी कि योगी ने जिस दलित के घर खाना खाया था. वहां उनके लिए रोटी उनकी ही मंत्री स्वाति सिंह ने ही बनाई थी. बता दें कि स्वाति सिंह ठाकुर जाति से आती हैं.
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