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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुरादाबाद (Moradabad) के बिलारी एसडीएम ने एक फर्नीचर कारोबारी का घर गिराने के लिए बुल्डोजर भेज दिया. फर्नीचर व्यापारी का आरोप है कि, बुलडोजर भेजने की वजह ये थी कि उसने एसडीएम से अपने फर्नीचर के रूपए मांगे थे, इसके बाद एसडीएम ने तहसीलदार को बुल्डोजर के साथ कारोबारी का घर गिराने के लिए भेज दिया. बाद में कारोबारी ने कमिश्नर और डीएम से इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.
आरोप है कि, मुरादाबाद जिले के फर्नीचर कारोबारी जाहिद अहमद से नाराज हुए एसडीएम ने उनका घर गिराने के लिए बुल्डोजर भेज दिया. जाहिद के मुताबिक मुरादाबाद एसडीएम घनश्याम वर्मा ने उनसे बिलारी में फर्नीचर मंगवाया था, उसके बाद एक और जगह उन्होंने हरदोई में रहने वाली अपनी बेटी अलका वर्मा के लिए भी फर्नीचर भिजवाया.
उन्होंने आगे बताया कि जब मुझे इसका पता चला तो मैंने कमिश्नर साहब से शिकायत की. इसके बाद एसडीएम साहब इससे चिढ़ गए और उन्होंने एक प्राईवेट जेसीबी और एक नगरपालिका की जेसीबी, 50-60 कर्माचारी और 2 ट्रॉली भेजकर दीवार तुड़वाना शुरू कर दी.
एसडीएम बिलारी घनश्याम वर्मा ने फर्नीचर व्यापारी जाहिद द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि तालाब पर कब्जा हटाने के लिए पहले ही नोटिस जारी किया गया था. नोटिस देने के बावजूद कब्जा ना हटाए जाने पर कार्रवाई की गई.
मुरादाबाद सिविल कोर्ट कम्पाउंड के वकील पीके गोस्वामी ने कहा कि जाहिद का प्रकरण बेहद गंभीर है, बिलारी के एसडीएम घनश्याम सिंह वर्मा द्वारा उनसे फर्नीचर बनवाया गया और जब उन्होंने ढाई लाख रूपए का बिल दिया तो एसडीएम साहब ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए इनका घर गिराने की धमकी दी और दो दिन के बाद वो इनके यहां बुलडोजर और 40-50 लोगों को लेकर घर गिराने चले गए. वो ये दिखाना चाह रहे हैं कि व्यापारी के पास बिल देने की पावर है और मेरे पास बुलडोजर से घर गिराने की ताकत है.
मुरादाबाद जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने कहा कि एक व्यक्ति ने ये शिकायत की है कि उनसे एसडीएम ने काम करवाया और पैसा नहीं दिया. इसकी जांच करने के लिए अपर जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है, वो जांच कर रहे हैं.
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