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यूपी पंचायत चुनाव: अब आपसी रजामंदी से चुने जा रहे ग्राम प्रधान

यूपी पंचायत चुनाव को लेकर चल रही हैं तैयारियां

आईएएनएस
भारत
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
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यूपी में हर गांव में आज कल माहौल बदला हुआ है. एक तरफ जहां हर गांव में मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विशेष स्वच्छता (सफाई-सेनिटाइजेशन) अभियान चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से बचाव के निर्देशों का पालन करते हुए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत चुनावों को लेकर जोरशोर से चुनाव प्रचार भी किया जा रहा है.

कोरोना महामारी के बीच चुनाव और प्रचार

गांवों के ऐसे माहौल में पंचायत चुनावों के पहले चरण में सूबे के 18 जिलों में 15 अप्रैल को मतदान होना है. इस मतदान को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रदेश पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हुए हैं. सरकार और पुलिस के सुरक्षा प्रबंधो के चलते सूबे में पंचायत चुनावों का परि²श्य भी बदला है. जिसके चलते अब बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, और ग्राम पंचायत सदस्यों का ग्रामीण निर्विरोध निर्वाचन कर रहे हैं. ग्रामीण लोकतंत्र और आपसी भाई-चारे को मजबूत करने की यह नई पहल है.

सूबे के राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि इस बार का पंचायत चुनाव कई मायने में अनोखा है. पहली बार राज्य में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए चुनाव कराया जा रहा. चुनाव कराने वाले और चुनाव लड़ने वाले तथा वोट देने वाले सभी को कोरोना से बचाने के प्रबंध करते हुए यह चुनाव कराए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री का इस बारे में साफ निर्देश है कि सभी की कोरोना से सुरक्षा करते हुए पंचायत चुनाव संपन्न कराने हैं. इसके अलावा समूची चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना है.

चुनाव को लेकर तैयारियां

चुनावों के दौरान कहीं कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए शस्त्र जमा करने की कार्रवाई हो रही है, अवैध शराब बनाने वालों की धरपकड़ का अभियान चलाया जा रहा है. शरारती तत्वों को पाबंद किया जा रहा. इसके साथ ही गांवों में सफाई अभियान चलाया जा रहा है और सभी को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए चुनाव प्रचार करने दिया जा रहा है.

पंचायत चुनावों को लेकर गांवों में ऐसी सक्रियता के चलते गांवों का परि²श्य बदल सा गया है. अब गांवों में बुजुर्गों के साथ -साथ युवाओं को भी तबज्जों दी जाने लगी है. इस कारण अब बुजुर्ग ही नहीं युवाओं को भी आम सहमती से चुना जाने लगा है. पंचायत चुनावों को लेकर पहले चरण की चुनावी सरगर्मी इसका सबूत है.
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लाखों उम्मीदवार चुनावी मैदान में

राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के अनुसार प्रदेश में पंचायत चुनावों के पहले चरण में 18 जिलों में होने वाले निर्वाचन में 779 जिला पंचायत वार्ड के लिए कुल 12157 नामांकन प्राप्त हुए थे. जिसमें 233 नामांकन रद्द होने तथा 175 नामांकन वापस लेने के फलस्वरूप 11749 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसी प्रकार अब 19313 क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद के लिए 71418 उम्मीदवार, 14789 ग्राम पंचायत प्रधान पद के लिए 108562 उम्मीदवार तथा 186583 ग्राम पंचायत वार्ड के लिए 107283 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. 15 अप्रैल को होने वाले मतदान में इन उम्मीदवारों की जीत-हार के पक्ष में वोट पड़ेंगे.

इसके विपरीत गांवों में पंचायतों के बदले परिदृश्य के चलते अब ग्रामीणों में चुनाव प्रक्रिया का सम्मान करते हुए अपने प्रतिनिधियों को निर्विरोध चुनने पर जोर दिया है. जिसके चलते पंचायत चुनावों के पहले चरण में 18 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के 69541 सदस्य सहित 85 ग्राम प्रधान तथा 550 क्षेत्र पंचायत सदस्य और हरदोई में एक जिला पंचायत सदस्य का निर्विरोध निर्वाचन कर लिया.

ऐसे ही बदले माहौल के चलते गत 28 मार्च को आगरा में बडेगांव के ग्रामीणों ने पंचायत कर एक शिक्षित बेटी कल्पना सिंह गुर्जर को गांव का प्रधान बनाने का फैसला ले लिया. ग्रामीण लोकतंत्र और आपसी भाईचारे को मजबूत करने की यह एक शानदार पहल है.

निर्विरोध चुने जाने के पीछे क्या तर्क?

पंचायत चुनावों के पहले चरण में होने वाले मतदान के पहले ग्रामीणों द्वारा बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधियों को निर्विरोध चुने जाने को अपर निर्वाचन आयुक्त वेदप्रकाश वर्मा बदल रहे समाज की सोच बताते हैं. उनका कहना है कि अब पंचायत चुनावों के दूसरे तथा तीसरे चरण में भी ग्रामीण अपने पसंद के प्रतिनिधि का निर्विरोध निर्वाचन करेंगे. यह एक अच्छी प्रथा है. इस तरह के प्रयासों से जहां चुनाव खर्च बचता है, वही गांवों में पढ़ा लिखा युवा ग्राम प्रधान बनता है. गुजरात में इस तरह से तमाम लोगों को ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान चुना है. वेदप्रकाश को उम्मीद है कि बीते पंचायत चुनावों के मुकाबले इस बार बड़ी संख्या में पढ़े लिखे युवा और महिलाएं गांव की राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने उतरेंगे. इसके चलते गांवों में विकास संबंधी कार्यों में तेजी आयेगी और ग्रामीण लोकतंत्र भी मजबूत होगा.

पंचायत चुनाव आंकड़ों की जुबानी :

  • ग्राम पंचायतों की संख्या : 58,189
  • ग्राम पंचायत के वाडरें की संख्या : 7,32,563
  • क्षेत्र पंचायतों की संख्या : 826
  • क्षेत्र पंचायतों के वाडरें की संख्या : 75,855
  • जिला पंचायत के पदों की संख्या : 3051
  • मतदान केंद्रों की संख्या : 80,762
  • मतदेय स्थलों की संख्या : 2,03,050
  • मतदाताओं की संख्या : 12.39 करोड़
  • पुरुष मतदाता : 53.01 प्रतिशत
  • महिला मतदाता : 46.01 प्रतिशत

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