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गांव में सीएमओ के पहुंचते ही बुजुर्ग मुखिया उनके पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगे... बच्चों की जिंदगी बचाने की अपील करते हुए डॉक्टर से गुहार लगाते रहे. यूपी में लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद मथुरा के मुखिया का ये दर्द बताता है कि हालात किस तरह बिगड़ रहे हैं. रहस्यमयी बुखार के चलते लगातार अलग-अलग जिलों में बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं और अब तक कई बच्चों की मौत हो चुकी है. अकेले मथुरा जिले में ही अब तक इस बुखार से 12 बच्चों समेत 14 लोगों की मौत हो चुकी है.
मथुरा जिले के कोह गांव में CMO निरीक्षण करने पहुंचीं थीं, तभी एक बुजुर्ग उनके पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगा, उसने सीएमओ से कहा कि वो इलाके के बच्चों की जिंदगियां बचा लें. क्योंकि इस गांव में बुखार का कहर कुछ इस तरह टूटा कि यहां अब तक कुल 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. रहस्यमयी बुखार की चपेट में कोह गांव के अलावा पिररौठ समेत आधा दर्जन गांव हैं.
मथुरा के अलावा अगर बागपत जिले की बात करें तो यहां के जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी तीमारदारों की भीड़ लगी है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या में सीधे-सीधे तीन गुना इजाफा हुआ है. बीते एक महीने में पहले जहां ओपीडी की संख्या बागपत सीएचसी पर लगभग 250 थी वो अब बढ़कर 600 के पार हो गई है.
अगर प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो वहां भी लगातार बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं. बरसात का मौसम शुरू होते ही अब तेज बुखार, उल्टी, दस्त, खांसी, जुकाम जैसे लक्षणों के साथ मरीजो में डेंगू, टायफायड, मलेरिया, वायरल की शुरुआत हो गई है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बिना परामर्श कोई भी दवा न लें.
हालांकि हालात को देखते हुए इस बुखार की रोकथाम के लिए सरकार ने कोशिशें शुरू कर दी हैं. डॉ का पैनल जगह-जगह पहुंचकर स्वास्थ्य कैंप लगा रहा है.
यूपी के फिरोजाबाद में भी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, एक दिन में 4 और मौतें हुई हैं. बुखार से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें कुल 7 लोग 40 साल से ऊपर के हैं ,जबकि 53 बच्चे हैं ,सरकारी अस्पताल में करीव 250 बच्चों का इलाज जारी है.
राजधानी लखनऊ में भी इस बुखार ने दस्तक दी है. यहां बच्चों समेत कई लोग बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए हैं. पिछले दो दिनों में राजधानी के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में 40 बच्चों सहित 400 से ज्यादा वायरल मरीजों को भर्ती कराया गया है. ओपीडी में 20 फीसदी से ज्यादा मरीज बुखार, सर्दी और कंजेशन की शिकायत कर रहे हैं.
फिलहाल कोई भी नहीं समझ पा रहा है कि ये बुखार बदलते मौसम के चलते शुरू हुआ है, या फिर कुछ और है. कई लोग इसे फ्लू बता रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों में इस बात की दहशत भी है कि कहीं ये कोरोना के मामले न हों. इसे ध्यान में रखते हुए अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि बिना कोविड एंटीजन टेस्ट किए मरीजों को ओपीडी सेक्शन में नहीं लिया जाए. अस्पतालों के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में वायरल मरीजों की संख्या में करीब 15 फीसदी का इजाफा हुआ है, अगस्त के तीसरे हफ्ते में बुखार पीड़ितों की संख्या करीब 5 फीसदी थी.
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