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‘द वायर’ के एडिटर का बयान ई-मेल के जरिए लेने को UP पुलिस तैयार 

सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर दर्ज हुई थी एफआईआर 

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सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर कार्रवाई 
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सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर कार्रवाई 
(फोटो Altered by the quint)

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उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से न्यूज वेबसाइट द वायर के एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. अब यूपी पुलिस वरदराजन का बयान ई-मेल के जरिए स्वीकार करने को तैयार हो चुकी है.

पुलिस ने घर आकर दिया था नोटिस

इससे पहले यूपी पुलिस की तरफ से द वायर के एडिटर को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें 14 अप्रैल को थाने में पेश होने के लिए कहा गया था. इसके लिए कुछ पुलिसकर्मी दिल्ली स्थित उनके घर पहुंचे थे. ‘द वायर’ के मुताबिक नोटिस देते हुए पुलिस कर्मियों ने बताया कि वो 700 किमी दूर से आए हैं.

लेकिन बाद में उन्हें ई-मेल या फिर स्पीड पोस्ट के जरिए उनका बयान दर्ज कराने की इजाजत दी गई. जिसके बाद वरदराजन ने ई-मेल के जरिए अपना पूरा बयान पुलिस को भेजा. हालांकि उनका कहना है कि उनके जवाब के बाद उन्हें इसकी कोई भी कॉपी नहीं मिली है. जिससे उन्हें पता लग पाए कि उन पर किन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद 11 अप्रैल को करीब 200 पत्रकारों ने एक सामूहिक बयान जारी कर इसकी निंदा की थी. इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरदराजन के खिलाफ दर्ज इस एफआईआर को अनावश्यक और धमकी बताया.
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क्या हैं आरोप?

वरदराजन के खिलाफ दर्ज एफआईआर में लॉकडाउन के दौरान रामजन्मभूमि में योगी आदित्यनाथ के धार्मिक अनुष्ठान पर उनकी टिप्पणी का जिक्र है. इसमें वरदराजन के उस ट्वीट का भी रेफरेंस दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है. “ जिस दिन दिल्ली में तबलीगी जमात का कार्यक्रम हुआ, उसी दिन योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या में रामनवमी का मेला 25 मार्च से 2 अप्रैल तक के तय कार्यक्रम के मुताबिक ही लगेगा. भगवान राम भक्तों की कोरोनावायरस से रक्षा करेंगे. ”

वरदराजन ने दी थी सफाई

एफआईआर होने के बाद द वायर के एडिटर वरदराजन की तरफ से सफाई भी दी गई थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हिंदुत्वादियों के बड़े धार्मिक नेता और अयोध्या में राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के आधिकारिक प्रमुख आचार्य परमहंस ने कहा था कि राम भक्तों की कोरोना वायरस से रक्षा करेंगे. यह बात आदित्यनाथ ने नहीं कही थी. हालांकि उन्होंने 25 मार्च को लॉकडाउन के नियमों को तोड़कर सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन को मंजूरी दी थी और खुद भी इसमें हिस्सा लिया था."

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