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पूर्वी यूपी और बिहार में गंगा नदी में संदिग्ध कोविड रोगियों के शवों को तैरते हुए देखे जाने के चार दिन बाद, एक रिपोर्ट से पता चला है कि उन्नाव जिले में गंगा नदी के किनारे दो स्थानों पर कई शव रेत में दफन किए गए हैं. दो स्थानों पर स्थानीय लोगों ने दफन शवों को देखा. संयोग से, अधिकांश शव केसरिया कपड़े में लिपटे हुए थे.
शवों को मुख्य रूप से हाजीपुर इलाके के रौतापुर गंगा घाट पर दफनाया गया था.
स्थानीय व्यवसायी शिरीष गुप्ता ने कहा, "मॉनसून मुश्किल से एक महीना दूर है और एक बार गंगा नदी के पानी से भर जाने के बाद, ये शव किनारे आ जाएंगे. जिला प्रशासन को शवों को हटाना चाहिए और उनका उचित दाह संस्कार करना चाहिए."
सूत्रों ने कहा कि जब से चल रही महामारी में मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी है, तब से दाह संस्कार करने की कीमतों में भी वृद्धि हुई है.
गुप्ता ने कहा, "हिंदू संस्कारों के अनुसार दाह संस्कार का पैकेज अब 15,000 से 20,000 रुपये के बीच है. यह स्पष्ट है कि गरीब लोग इसे अदा नहीं कर सकते हैं और वे नदी के किनारे शवों को दफन कर रहे हैं."
इससे पहले भी सोमवार को गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा के तट पर मृतकों के शव मिले थे,वहीं बिहार के बक्सर में भी तैरती हुई लाशें मिलीं थी.
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