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2016 में राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है क्योंकि ये साल कांग्रेस के लिए काफी अहम है. 2016 में चार राज्यों में चुनाव होने हैं और इनके मद्देनजर देश में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं.
इन चार राज्यों के चुनाव परिणाम यकीनन 2017 में यूपी चुनावों पर हावी होंगे.
2016 की पहली छमाही में ही असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं. इसके अलावा केन्द्र शासित प्रदेश पुदुच्चेरी में भी इसी वर्ष चुनाव होंगे. इन तमाम चुनावों का राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्व होगा. चुनाव में अपनी जीत की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए पार्टियों के नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं.
माना जा रहा है कि आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए कांग्रेस इस साल पार्टी की कमान राहुल गांधी को सौंप सकती है. और ये मुमकिन है कि साल 2016 में कांग्रेस पार्टी का कई क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन भी देखने को मिल सकता है. पार्टी में कई बड़े फेरबदल किए जाएंगे.
असम में बीजेपी का सामना करने के लिए कांग्रेस ने अन्य पार्टियों से गठबंधन करने की जिम्मेदारी अपने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को सौंपी है. गोगोई ने बीते तीन बार से लगातार पार्टी को राज्य में जीत दिलाई है.
उधर, केरल में सत्तारूढ़ संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) का नेतृत्व कर रही कांग्रेस को राज्य में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है. केरल में सरकार के प्रति नाराजगी का फायदा भाजपा उठा सकती है जो राज्य में जड़ें जमाने में लगी हुई है.
केरल के चुनाव वामपंथी पार्टियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं. फिलहाल वे सत्ता से बाहर हैं, लेकिन वे केरल व बंगाल में आज भी बड़ी पार्टी हैं.
लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार सभी चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी ने बिहार में छोटे पार्टनर के रूप में जनता दल (युनाइटेड) व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सत्ता का स्वाद चखा. इस दौरान राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस तीसरे व चौथे नंबर की पार्टी ही बन पाई.
बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में जयललिता विधानसभा चुनाव के दौरान एक बड़ा चेहरा होंगी. दोनों फिलहाल सरकार राज्य में सरकार चला रही हैं और इस बार के विधानसभा चुनाव में इनकी रणनीति के साथ-साथ इनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता की भी परीक्षा होगी. बिहार में हार का मुंह देख चुकी बीजेपी पूरी तैयारी के साथ इन चार राज्यों में उतरने वाली है, ऐसे में राहुल गांधी को वक्त से पहले एक नई रणनीति के साथ मैदान में कूदना पड़ेगा.
द इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक राहुल गांधी के लिए एक 20 सदस्यीय कोर टीम बन रही है. इस टीम का नाम है टीम-20 और नए साल पर विदेश जाने से पहले राहुल गांधी ने इस कोर टीम के लिए तकरीबन 200 उम्मीदवारों का इंटरव्यू भी लिया है.
(via IANS)
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