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मोदी सरकार के सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले पर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं हैं. विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले को ‘चुनावी जुमला’ और ‘लॉलीपॉप’ बताया है.
बता दें, मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मोदी कैबिनेट ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम सरकार के हर उस कदम का सपोर्ट करते हैं जिससे समाज के गरीब तबके को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा, मोदी सरकार चुनाव से पहले अचानक नींद से जागी है और उसे आर्थिक रूप से कमजोर तबके का खयाल आया है. उन्होंने बीजेपी पर जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी जमकर हमला बोला.
कांग्रेस के सीनियर लीडर अभिषेक मनु सिंघवी ने सवर्ण आरक्षण को लेकर पीएम मोदी के फैसले को चुनावी फैसला बताया है. सिंघवी ने ट्वीट में लिखा, ‘सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के सरकार के फैसले से अब ये सवाल उठता है कि सरकार ने चार साल आठ महीने में ये फैसला क्यों नहीं लिया. सरकार को संविधान की पूरी जानकारी नहीं है.’
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सवर्णों को आरक्षण देने के मामले में ट्वीट करते हुए बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा, ‘चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे, हम सरकार का साथ देंगे, नहीं तो साफ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है.’
लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव का कहना है कि रिजर्वेशन से किसी की भी आर्थिक स्थिति नहीं सुधरती है. यह सिर्फ सामाजिक तौर पर पिछड़े लोगों को आगे लाने के लिए है. अगर आर्थिक हालात सुधारने हैं तो मोदी जी को 15 लाख रुपये और नौकरियां देनी चाहिए. तेजस्वी ने एक चैनल से बात करते हुए अपना रिएक्शन दिया.
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