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UPPSC RO/ARO परीक्षा: पेपर लीक का दावा करने वाले अभ्यर्थियों पर ही FIR- क्या आरोप लगा?

UPPSC RO/ARO Exam: गाजीपुर के एक सेंटर पर कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक हो जाने का दावा किया था.

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<div class="paragraphs"><p>UPPSC RO/ARO परीक्षा: पेपर लीक का दावा करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज</p></div>
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UPPSC RO/ARO परीक्षा: पेपर लीक का दावा करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

(फोटो: quint hindi)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समीक्षा अधिकारी (RO)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा सुर्खियों में है. गाजीपुर में एक सेंटर पर कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक हो जाने का दावा किया है और इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. हालांकि अब प्रशासन ने उन्हीं अभ्यार्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

11 फरवरी को आयोजित इस परीक्षा में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक सेंटर से अभ्यर्थियों का पेपर लीक का दावा करते हुए वीडियो वायरल हुआ था. वहीं गाजीपुर की जिलाधिकारी आर्यका अखोरी ने पेपर लीक होने के दावों का खंडन किया है और कहा है कि इस मामले में कुछ अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस परीक्षा में पेपर लीक का वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं.

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की प्रारंभिक परीक्षा 11 फरवरी 2024 को दो पालियों में कराई गई थी. परीक्षा के बीच ही गाजीपुर के एसएम इंटर कॉलेज के परीक्षा सेंटर से कुछ अभ्यर्थियों का पेपर लीक होने का दावा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है.

इस वायरल वीडियो में आशुतोष चौबे नाम के एक अभ्यर्थी ने दावा किया कि परीक्षा केंद्र के अंदर जो प्रश्न पत्र लाया गया उसकी सील पहले ही खोल दी गई थी. जिसके बाद उसे परीक्षा कक्ष में लाया गया जो कि नियम के विरुद्ध है. इस वीडियो में अभ्यर्थी आगे दावा करता है कि परीक्षा केंद्र के प्रबंधन ने भी अपनी इस भूल को स्वीकार भी किया है.

वहीं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने कहा था कि परीक्षा सही से करवा दी गई है और सकुशल संपन्न हो गई है लेकिन अब इसी मामले में एसटीएफ जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि गाजीपुर जिले के स्थानीय प्रशासन ने पेपर लीक होने के आरोपों का खंडन करते हुए परीक्षार्थियों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया है.

वायरल वीडियो में दिख रहे अभ्यर्थी आशुतोष चौबे और अन्य अज्ञात छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1)(b) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया है.

FIR में क्या लिखा है?

FIR में यह आरोप लगाया गया है कि जब पहली पाली का प्रश्न पत्र बांटा जा रहा था, उसी दौरान परीक्षार्थी आशुतोष चौबे खुला प्रश्न पत्र क्लास में लाने का आरोप लगाते हुए कुछ अन्य परीक्षार्थियों के साथ अपने कक्ष से बाहर आकर विद्यालय परीसर में ही आक्रोशित होकर शोरगुल करने लगा. उसको समझाने का काफी प्रयास किया गया लेकिन आशुतोष चौबे अन्य परीक्षार्थियों के साथ सेंटर के मेन गेट के बाहर आ गया और प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप लगाते हुए गलत तथ्यों के आधार पर बयान बाजी करने लगा.

इसकी सूचना पर उप-जिलाधिकारी द्वारा तत्काल इस सेंटर पर आकर आशुतोष चौबे और अन्य परीक्षार्थियों को वहां लगे CCTV कैमरों के फुटेज में प्रश्न पत्रों को खोले जाने एवं बांटे जाने का वीडियो दिखाकर समझाते हुए परीक्षा केन्द्र में भेजा गया. आशुतोष चौबे के साथ-साथ अन्य परीक्षार्थियों के सन्तुष्ट होने के बाद दोनों पालियो की परीक्षा दी गयी. फिर भी आशुतोष चौबे ने अपने साथियों के साथ गलत तथ्यों के आधार पर लोगों में भय पैदा करने के लिए, जिससे कोई व्यक्ति राज्य के विरुद्ध या लोक शान्ति के विरुद्ध अपराध करने के लिये प्रेरित हो, मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया.
FIR में आरोप

अभ्यर्थियों पर हुई FIR की कॉपी 

गाजीपुर के डीएम ने क्या कहा?

गाजीपुर जिलाधिकारी आर्यका अखोरी ने कहा,

"यह जो वायरल वीडियो है और कुछ अभ्यर्थियों जो कह रहे थे कि पेपर लीक हुआ है, यह पूरी तरह से असत्य है. पेपर लीक की कोई घटना नहीं हुई, मैं इसका खंडन करती हूं. हमने जांच कराई है और पाया है की वहां परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक द्वारा मानवीय भूल हुई थी."

उन्होंने आगे कहा, जो (प्रश्न पत्र के) बड़े बंडल होते हैं उसे केंद्र व्यवस्थापक द्वारा अपने कंट्रोल रूम में खोलना होता है और जो परीक्षा कक्ष के अलग-अलग पैकेट होते हैं उसे परीक्षा कक्ष में ही खोलना होता है. यह आयोग के निर्देश हैं. उस सेंटर पर केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट द्वारा यह लापरवाही की गई. प्रश्न पत्र का एक पैकेट जिसे परीक्षा कक्ष में खोलना था उसे अज्ञानता और भूलवश केंद्र व्यवस्थापक ने कंट्रोल रूम में ही खोल दिया. जिस कक्ष में (प्रश्न पत्र का) खुला हुआ पैकेट गया था वहां के अभ्यर्थियों ने दावा किया कि पेपर लीक हो गया है लेकिन ऐसा नहीं हुआ था.

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केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

गाजीपुर की जिलाधिकारी आर्यका अखोरी ने अभ्यर्थियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा," यह पूरी प्रक्रिया केंद्र व्यवस्थापक के कमरे में होती है. यहां प्रश्न पत्र के बंडल आते हैं, रिसीव होते हैं और उन्हें खोला जाता है. यह सब सीसीटीवी की निगरानी में रहता है. पेपर लीक का दावा कर रहे हैं अभ्यर्थियों को भी यह दिखाया गया. उन अभ्यर्थियों ने शांतिपूर्वक दोनों पालियों में परीक्षा दी. जिन अभ्यर्थियों ने यह अफवाह फैलाई है उनके खिलाफ भी हम विधिक कार्यवाही कर रहे हैं."

"जो लापरवाही केंद्र व्यवस्थापक ने की है. उसको लेकर हम उसके केंद्र को निरस्त कर रहे हैं और केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे."
जिलाधिकारी

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