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देश में होने वाले सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक सिविल सेवा परीक्षा-2019 के नतीजें सामने आ चुके हैं. कुल 829 उम्मीदवार सिविल सेवा के लिए चयनित हुए हैं. लेकिन इन्हीं 829 पदों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. 5 अगस्त को तो ट्विटर पर यूपीएससी से इन्हीं सवालों के साथ ट्रेंड भी चल रहा था. हजारों की संख्या में ट्वीट किए गए.
दरअसल, आपत्ति ये जताई जा रही है कि सरकार की तरफ से विज्ञापन में कहा गया था कि 927 पद भरे जाएंगे लेकिन 829 कैंडिडेट्स का ही रिजल्ट सामने आया. अब ये पूछा जा रहे हैं 98 सीटों को गोपनीय तरीके से क्यों भरा जा रहा है? 5 अगस्त को ट्विटर-फेसबुक पर ये मामला ट्रेंड करने के बाद 6 अगस्त को यूपीएसी ने सफाई जारी की है.
कमीशन ने प्रेस रिलीज में कहा है कि सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन रूल-2019 के नियम-16 (4) & (5) के तहत रिजर्व लिस्ट रखी गई है और पहली बार में 829 कैंडिडेट्स के नाम जारी किए हैं. ये एक स्टैंडर्ड प्रैक्टिस है और दशकों से चली आ रही है. ऐसे कैंडिडेट जो रिजर्व कैटेगरी के हैं और जनरल स्टैंडर्ड पर सेलेक्ट हुए हैं वो चाहे तो रिजर्व स्टेटस के मुताबिक, अपनी सर्विस और कैडर चुन सकते हैं.बाकी जो वैकेंसी रह जाती है वो रिजर्व लिस्ट के जरिए भरी जा सकती है.
यूपीएससी की तरफ से कहा गया है कि, सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन रूल-2019 के नियम-16 (5) के मुताबिक , प्रक्रिया पूरी होने तक रिजर्व लिस्ट गोपनीय रखे जाते हैं.
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