Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए भारतीय एजेंसियों पर बैन लगे': अमेरिकी आयोग

'धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए भारतीय एजेंसियों पर बैन लगे': अमेरिकी आयोग

USCIRF 2020 से ही अमेरिकी विदेश विभाग को ऐसी ही सिफारिशें कर रहा है, जिन्हें अब तक स्वीकार नहीं किया गया है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF)</p></div>
i

अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF)

(फोटो- USCIRF)

advertisement

अमेरिका के एक संघीय आयोग ने राष्ट्रपति बाइडेन के प्रशासन से भारत सरकार की एजेंसियों और देश में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित "गंभीर उल्लंघन" के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्तियों को फ्रीज करके उन पर टारगेटेड बैन लगाने की मांग की है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अमेरिकी कांग्रेस को अमेरिका-भारत द्विपक्षीय बैठकों के दौरान भी धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाने और इस पर सुनवाई करने की सिफारिश की.

धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, USCIRF ने अमेरिकी विदेश विभाग से कई अन्य देशों के साथ-साथ धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भारत को "विशेष चिंता वाले देश" के रूप में शामिल करने के लिए कहा हैं.

USCIRF 2020 से ही अमेरिकी विदेश विभाग को ऐसी ही सिफारिशें कर रहा है, जिन्हें अब तक स्वीकार नहीं किया गया है.

गौरतलब है कि USCIRF की सिफारिशों को मानने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग बाध्य नहीं है.

USCIRF ने भारत पर क्या आरोप लगाए हैं?

USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में भारत पर आरोप लगाया कि 2022 में, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब होती गई.

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि पूरे वर्ष के दौरान, राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर भारत सरकार ने धार्मिक रूप से भेदभावपूर्ण नीतियों को बढ़ावा दिया और लागू किया, जिसमें धर्मांतरण, अंतर्धार्मिक संबंध, हिजाब पहनने और गोहत्या को लक्षित करने वाले कानून शामिल हैं, जो मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों दलित, और आदिवासी (स्वदेशी लोग और अनुसूचित जनजाति) को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं.

सवालों के जवाब में विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मीडिया से कहा कि USCIRF विदेश विभाग या कार्यकारी शाखा का हिस्सा नहीं है और इसकी रिपोर्ट अमेरिकी लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाती है.

अमेरिका स्थित NGO, फाउंडेशन ऑफ इंडियन एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने USCIRF की "पक्षपाती" रिपोर्ट के लिए आलोचना की. FIIDS के खंडेराव कांड ने एक बयान में कहा, "जहां यूएससीआईआरएफ अनुमानित रूप से सीपीसी में शामिल करने के लिए भारत के खिलाफ अपने वार्षिक मामले को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है, वहीं यह डेटा बिंदुओं के कमजोर सेट के साथ ऐसा करता है, जो अनुमानित रूप से चूक और कमीशन दोनों से भरे हुए हैं."

जबकि दूसरी तरफ भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (IAMC) ने USCIRF के निर्णय का स्वागत किया कि भारत को लगातार चौथे वर्ष विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित किया जाए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT