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पाकिस्तान आतंक को पनाह देना बंद करे: भारत-अमेरिका का साझा बयान

भारत आने से पहले टिलरसन पाकिस्तान का दौरा भी कर चुके हैं

द क्विंट
भारत
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नई दिल्ली में बुधवार को सुषमा स्वराज से मुलाकात करते अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन
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नई दिल्ली में बुधवार को सुषमा स्वराज से मुलाकात करते अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन
(फोटो: PTI)

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात की. टिलरसन पहली बार आधिकारिक दौरे पर भारत आए हैं. दोनों के बीच आतंकवाद, वीजा और दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर बनाने को लेकर आहम बातचीत हुई.

‘आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करे पाक’

भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हुए हैं कि पाकिस्तान को अपनी धरती पर आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को तत्काल खत्म करना चाहिए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात के बाद यह बात कही. सुषमा ने टिलरसन के साथ साझा सम्मलेन में कहा, "भारत और अमेरिका दोनों इसपर सहमत हुए हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई अफगान नीति तभी प्रभावी होगी जब पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करेगा."
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, "रणनीतिक साझेदारी मजबूत. सुषमा स्वराज ने अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन का स्वागत किया. टिलरसन विदेश मंत्री के तौर पर पहली बार भारत आए हैं."

टिलरसन के मंगलवार शाम को आने से पहले भारत-अमेरिका संबंध को लेकर उनके सकारात्मक और दूरगामी बयान की वजह से इस बैठक की अहमियत काफी बढ़ गई.

टिलरसन ने सोमवार को अफगानिस्तान के अपने अघोषित दौरे के दौरान कहा था कि अमेरिका की कोशिश है कि भारत के साथ इसके संबंध की संभावनाएं सिर्फ दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं हों, बल्कि पाकिस्तान से जुड़े क्षेत्रीय हितों से ऊपर उठकर हिंद और प्रशांत महासागर और वैश्विक महत्व के फैले हुए क्षेत्र तक हों.

टिलरसन ने कहा,

हमारे भारत के साथ संबंध का नजरिया न सिर्फ खास क्षेत्र के लिए रणनीतिक महत्व का है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र जो कि जापान से भारत तक फैला हुआ है, से संबंधित है. इसलिए यह अहम रिश्ता है.
सुषमा स्वराज के साथ रेक्स टिलरसन(फोटो: PTI)
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भारत के साथ मजबूत रिश्ते

पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में रणनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में 'अगली शताब्दी के लिए भारत के साथ हमारे संबंधों के निर्धारण' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के मुख्य भू-राजनैतिक और सामरिक मामलों पर वॉशिंगटन की स्थिति को स्पष्ट किया था. उन्होंने कहा था कि ट्रंप प्रशासन भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने चीन और पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा था कि भारत के समर्थन में वह सब कुछ करेगा जिसकी जरूरत है.

गांधी स्मृति पर रेक्स टिलरसन(फोटो: PTI)

उन्होंने कहा कि चीन के भड़काऊ काम अंतर्राष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों के खिलाफ हैं और भारत और अमेरिका इसकी दूसरी तरफ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन पाकिस्तान से यह अपेक्षा करता है कि वह अपने क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों पर 'निर्णायक कार्रवाई' करे.

(इनपुट IANS से)

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Published: 25 Oct 2017,06:20 PM IST

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