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अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने चीन को अल्टीमेटम दिया है. आतंकी मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आंतकवादी घोषित करने के लिए चीन को ये अल्टीमेटम दिया गया है. चीन से जैश सरगना मसूद अजहर को लेकर जारी प्रस्ताव पर वीटो हटाने के लिए भी कहा है. चीन कई बार वीटो का इस्तेमाल कर आतंकी अजहर को बचाता आया है. लेकिन अब इन बड़े देशों के अल्टीमेटम के बाद चीन को इस पर फैसला लेना होगा.
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने चीन को अब 23 अप्रैल तक का वक्त दिया है. चीन को काउंसिल से ही इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए यह अल्टीमेटम दिया गया है. हालांकि अभी तक चीन की तरफ से इस बारे में कोई भी रिएक्शन या संकेत नहीं मिला है. सभी देशों को अब इस बात का इंतजार है कि इस बार चीन क्या स्टैंड लेता है. इस बार काउंसिल में शामिल देशों को उम्मीद है कि चीन आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ वोट करेगा.
इससे पहले चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाए थे. चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि उसने इस मामले को सीधे सुरक्षा परिषद में ले जाकर गलत उदाहरण पेश किया है. इसी वजह से मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाया गया प्रस्ताव विफल हो गया. मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के फ्रांस के प्रस्ताव पर चीन के अड़ंगा लगाने के 2 हफ्ते बाद अमेरिका ने 27 मार्च को एक बड़ा कदम उठाया था. अमेरिका ने मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने, उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाने, उसकी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोक और हथियार रखने पर रोक लगाने के लिए 15 देशों के शक्तिशाली परिषद में ड्राफ्ट पेश किया था.
बता दें, चीन मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के प्रयासों में इससे पहले चार बार अड़ंगा अटका चुका है. चीन ने बीते 13 मार्च को अमेरिका, ब्रिटेन से समर्थित फ्रांस के प्रस्ताव को यह कहकर बाधित कर दिया था कि उसे मामले को समझने के लिए और वक्त चाहिए.
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