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"हाईवे पर मेन गेट बनाया गया था, वहां से कुछ लोग बाएं जा रहे थे और कुछ लोग दाएं. वहीं पर धक्का लगने से कुछ लोग गिर गए. पंडाल के अंदर कुछ नहीं हुआ है. लोग रोड पर गिरे हैं," ये कहना है उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत के सुरेश चंद्र का, जो हाथरस में आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने आगे बताया कि "सत्संग में करीब 50 हजार लोग आए थे."
हाथरस हादसे में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. IG शलभ माथुर ने इसकी पुष्टि की है.
यूपी के टूंडला के एतमादपुर की सीमा अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ सत्संग में शामिल हुईं थी, जिनमें से दो की भगदड़ में मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि "भीड़ बहुत ज्यादा थी. सत्संग खत्म होने के बाद लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन लोगों ने अपनी गाड़ी खड़ी कर रखी थी. इस दौरान कुछ लोग डंडा भी मार रहे थे, जिससे कई लोग गिर गए."
वहीं टूंडला के पचोखरा की कृष्णा ने बताया, "रोड पर पहले से काफी लोग खड़े थे, संगत खत्म होने के बाद जब लोग निकले तो और भीड़ हो गई, इस दौरान धक्का-मुक्की हुई, और अफरा-तफरी में बिजली का तार टूट गया, जिससे लोग घायल हो गए."
कृष्णा के मुताबिक, कुछ लोगों की मौत करंट लगने और कुछ की मौत धक्का-मुक्की से हुई.
बता दें की हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई-मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा के सत्संग के समापन कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मची थी.
हाथरस जिला प्रशासन ने घटना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आम लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर- 05722227041 और 05722227042 जारी किया है.
वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर- 9259189726 और 9084382490 जारी किया गया है.
प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, "नियमों का कितना पालन किया गया और व्यवस्था में क्या लापरवाही हुई, इन सभी चीजों को FIR के बाद जांच के दौरान देखा जाएगा. FIR दर्ज कराया जा रहा है और सभी दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई होगी."
इसके साथ ही उन्होंने कहा,
बता दें कि हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ADG, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं.
(इनपुट- रवि गौतम)
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