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मोबाइल फोन आज के दौर की बड़ी जरूरत भले ही बन गया हो, लेकिन इसके इस्तेमाल में थोड़ी-सी असावधानी जानलेवा साबित हो सकती है. यूपी के सोनभद्र में मोबाइल फोन की वजह से एक शख्स की जान चली गई.
दरअसल, इलाके के राजपुर गांव में 70 साल के रामजतन पटेल रविवार सुबह मोबाइल फोन अपने सीने पर रख कर सो रहे थे. तभी अलार्म बजने पर तेज धमाका हुआ और उनकी मौत हो गई.
सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल फोन में धमाका होने का कारण बैटरी का फटना बताया जा रहा है. परिवार वालों के मुताबिक, रामजतन ने सुबह जल्दी उठने के लिए फोन में अलार्म लगाया था, जिसके बजते ही तेज धमाका हुआ.
धमाका इतना तेज था कि रामजतन के सीने में छेद हो गया. परिवार वालों की मानें, तो मोबाइल काफी पुराना था. घटना के बाद फोन के कई टुकड़े आसपास बिखरे पड़े थे.
मोबाइल फोन से होने वाले नुकसान अक्सर हम देखते-पढ़ते हैं. यहां तक कि कई बार डॉक्टर भी कुछ बीमारियों के पीछे की वजह मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल बताते हैं.
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी बातें, जिनसे आप खुद को मुबाइल से होने वाले नुकसानों से बचा सकते हैं.
मोबाइल की बैटरी फटने के कई कारण होते हैं. अक्सर ज्यादा चार्ज करने से मोबाइल की बैटरी फटने का खतरा रहता है. ज्यादा चार्ज करने से फोन के मदर बोर्ड पर असर पड़ता है और फोन गर्म हो जाता है.
दूसरी ओर ठंडे वातावरण में भी तापमान का असर बैटरी पर पड़ता है और इसके फटने का डर रहता है.
मोबाइल फोन इस्तेमाल करने में रखें किन बातों का ध्यान...
जरूरत से ज्यादा फोन को कभी चार्ज न करें. लिथियम इयॉन का इस्तेमाल ज्यादातर स्मार्टफोन में किया जाता है. ज्यादा हीट होने से ये फटने सकता है.
आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा कि मोबाइल फोन पर ज्यादा देर तक सूरज की किरणें न पड़ें. चार्जिंग के दौरान ग्राफिकल गेम अवॉइड करें, क्योंकि ग्राफिकल गेम फोन में हीट बढ़ाते हैं.
चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल न करें. डॉक्टर अक्सर बताते हैं कि फोन से रेडिएशन निकलती हैं, जो बेहद नुकसानदेह होती हैं. चार्जिंग के दौरान फोन के इस्तेमाल से बैटरी पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण बैटरी फटने का डर रहता है.
कई बार लोग फोन को रात भर चार्ज करते हैं. पर जरूरत से ज्यादा चार्ज करने से बैटरी की लाइफ कम होती है और जल्दी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है. मोबाइल फोन को ज्यादा समय तक अपने शरीर के आसपास न रखें. कोशिश करें कि कीपैड आप की बॉडी की तरफ हो, ताकि रेडिएशन बॉडी में न समाए.
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