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उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना की एक सुरंग के अंदर जिंदगी की तलाश अब भी जारी है. इसके लिए सुरंग की सफाई का काम भी तेजी से चल रहा है. 19 फरवरी को भी अलग-अलग गैजेट्स की मदद से बचाव दल मशक्कत करता नजर आया. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हम सुरंग के 166 मीटर अंदर 6 मीटर की ढलान तक पहुंच गए हैं, हम सभी गैजेट्स का इस्तेमाल कर अधिक शवों की तलाश कर रहे हैं.
ऋषिगंगा नदी में 7 फरवरी के जलप्रलय के बाद लगभग 204 व्यक्ति लापता हो गए थे.
18 फरवरी को सुरंग के अंदर दो और शवों की बरामदगी के बाद अब तक कुल 61 शव बरामद किए गए हैं. सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की मौजूदगी के कारण खुदाई का काम बाधित हो रहा है. अधिक मात्रा में कीचड़ के कारण शवों को अधिकतम देखभाल के साथ बाहर निकालने के लिए एहतियातन ऑपरेशन धीमी गति से चल रहा है.
एसडीआरएफ की कुल 12 टीमें रैणी गांव से नीचे की ओर श्रीनगर शहर क्षेत्र में दूरबीन, स्निफर डॉग और राफ्ट का उपयोग कर शवों की तलाश कर रही हैं. राफ्टिंग का उपयोग ऋषिगंगा, धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों में किया जा रहा है, जो गंगा की सभी सहायक नदियां हैं.
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