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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई भीषण तबाही में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के 39 मजदूर भी लापता हैं. इस त्रासदी की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. जिस वक्त तबाही आई उस वक्त तपोवन के पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे कई मजदूर टनल में फंस गए.
इसके अलावा यूपी के कई और जिलों से भी लोगों के चमोली हादसे में लापता होने की खबरें सामने आ रही हैं. अब तक यूपी के 55 से ज्यादा लोगों के लापता होने की जानकारी सामने आई है.
निघासन तहसील क्षेत्र के इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित गांव बाबू पुरवा, भेरमपुर, मांझा और गांव कड़िया हैं. बाबूपुरवा गांव के पांच युवक हीरालाल, सूरज, अर्जुन, विमलेश, धर्मेंद और अरुण अभी तक लापता हैं, जिनकी कोई सूचना नहीं मिल पाई है. 10 युवक भेरमपुर व मांझा गांव के भी हैं जिनसे परिजनों का संपर्क नही हो पा रहा है.
बता दें कि त्रासदी में अब तक करीब 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं और 26 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5-कालीदास मार्ग में उत्तराखंड में जल प्रलय के चलते आपदा में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. बताया गया है कि राजस्व विभाग का जो कंट्रोल रूम स्थापित है इसका एक टोल फ्री नंबर 1070 और इसका व्हाट्सएप नंबर 9454441036 है. कोई भी परिवार जिनके सदस्य वहां काम कर रहे थे यदि वो लापता हैं तो वे इस नंबर पर सूचना दे सकते हैं.
लखीमपुर खीरी जिले के अलावा उत्तराखंड हादसे में रायबरेली के दो युवक भी लापता बताए जा रहे हैं. दोनों ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में बोर्ड ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे. अनिल सिंह और नरेंद्र सिंह दो भाइयों से हादसे के बाद से संपर्क नहीं हो पाया है. लापता युवकों के भाई बृजेन्द्र बहादुर सिंह ने हरचंदपुर थाने में इसकी सूचना दी है.
इसके अलावा श्रावस्ती जिले के पांच मजदूर लापता हो गए. सुरक्षित बचे तीनों अन्य मजदूरों ने लापता साथियों के परिजनों को फोन से इसकी सूचना दी है. इससे पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है. ये सभी मजदूर जल विद्युत परियोजना में काम करने के लिए एक साथ उत्तराखंड गए थे.
सिरसिया के रनियापुर और कटकुइयां गांव थारू बाहुल्य है. यहां की अधिकांश आबादी दूरदराज क्षेत्रों में जाकर मजदूरी करती है. रनियापुर गांव के छोटू, वेद प्रकाश, हरिलाल, अजय, प्रभुनाथ, हीरालाल, राजू व राजेश कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड के तपोवन में जल विद्युत परियोजना में मजदूरी करने गए थे. वहां सभी कंपनी के बनाए गए क्वार्टर में रहते थे. रविवार सुबह जब जोशीमठ के आगे ग्लेशियर टूटने से सैलाब आया तो छोटू, वेदप्रकाश, हरिलाल, अजय व प्रभुनाथ लापता हो गए.
इन पांचों लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है. इन पांचों लोगों के सुरक्षित बचे साथी राजू व राजेश ने शाम को अपने गांव रनियापुर फोन से घटना की सूचना दी तो परिजनों में कोहराम मच गया.
सोमवार शाम तक मिली जानकारी के मुताबिक खीरी के कुल 30 लोग लापता बताये गये हैं. इसके अलावा सहारनपुर के तीन और मेरठ के चार और रायबरेली के 2 मजदूरों के भी लापता होने की सूचना है. जबकि गोरखपुर मंडल के कुल 5 मजदूर हादसे के बाद से लापता हैं. इसके अलावा शामली के भी दो मजदूर लापता हैं. यही नहीं, मुरादाबाद, बिजनौर और चंदौली के एक-एक मजदूर हादसे के बाद से लापता बताए जा रहे हैं. ये जानकारी इन जिलों से रिलीफ कमिश्नर ऑफिस को मिली है.
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