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उत्तराखंड में काम करने वाले पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं. बता दें कि पत्रकार शर्मा ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. ये आरोप पैसों के लेनदेन को लेकर थे. जिसके लिए पत्रकार ने सबूत भी पेश किए, लेकिन इसके बाद आरोप लगाने वाले पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था.
दरअसल पत्रकार ने एक रिटायर्ड प्रोफेसर और उनकी पत्नी के बैंक खातों का जिक्र करते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान उनके खातों में झारखंड से पैसे भेजे गए थे. जिसके बाद उन्हें कहा गया था कि इन पैसों को वो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दें. प्रोफेसर की पत्नी को सीएम की पत्नी की बहन बताया गया था. इन आरोपों के बाद रिटायर्ड प्रोफेसर ने पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून में ब्लैकमेल करने और कई धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की.
पत्रकार के खिलाफ तुरंत मामला भी दर्ज हुआ, यहां तक गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया. इसके ठीक बाद पत्रकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए राहत की मांग की. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पत्रकार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने को कहा था.
अब इसी मामले को लेकर जांच के बाद हाईकोर्ट ने पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने और सीएम के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. अब हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि सीबीआई इन आरोपों को लेकर एक नई एफआईआर दर्ज करे और इनकी जांच हो. इस मामले में उमेश शर्मा के अलावा एक अन्य पत्रकार का नाम भी शामिल है.
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