advertisement
देश की दिग्गज मेडिकल साइंटिस्ट डॉ गगनदीप कांग जिन्होंने स्वदेशी रोटावायरस वैक्सीन के विकास में अहम भूमिका अदा की थी, उन्होंने अचानक ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI) में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है. THSTI फरीदाबाद स्थित एक सरकारी हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जो कि विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तहत आता है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक डॉ. कांग का कहना है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों के चलते इस्तीफा दिया है. डॉ कांग वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के गेस्ट्रोइंटेस्टिनल साइंस डिपार्टमेंट में प्रोफेसर रही हैं. वे 2016 से THSTI में काम कर रही हैं और उनका कार्यकाल खत्म होने में अभी एक साल बचा हुआ था.
पिछले दिनों से डॉ कांग कोरोना वायरस से जुड़ी टेस्टिंग के काम को करीबी से देख रही थीं. उनका इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब भारत में कोरोना वायरस संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हर दिन पॉजिटिव केसों की संख्या नया रिकॉर्ड बना रही है. केस घटने का नाम नहीं ले रहे हैं. कुल पॉजिटिव केसों के मामले में भारत अब रूस से आगे निकल कर अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर आ गया है.
डॉ कांग के नेतृत्व में कोरोना वायरस की दवा और वैक्सीन पर काम करने वाले पैनल को बंद किए जाने के पहले उसकी कई बैठकें हुई थीं. उस पैनल के एक सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ICMR ने पैनल को जो काम दिया था उसमें और बाकी कमेटियों के काम में ओवरलैप मिला था. जब अखबार ने डॉ कांग से बात की तो उन्होंने बताया कि इस कमिटी का उनके इस्तीफे से कुछ लेना देना नहीं है.
स्वदेशी रोटावायरस वैक्सीन बनाने में योगदान के अलावा भी डॉ कांग को कॉलेरा और टायफाइड की वैक्सीन के विकास और उपयोग पर काम करने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा भी उन्होंने बड़े पैमाने पर कई स्टडीज, वैक्सीन के टेस्ट वगैरह पर काम किया है.
भारत में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 7 लाख पार कर गई है. वहीं COVID-19 से अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र है जहां केस दो लाख के पार हो चुके हैं. दिल्ली में भी मामले एक लाख पार कर गए हैं.
वहीं, दुनियाभर में कोरोना वायरस के 1 करोड़ से ज्यादा केस हैं. अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)