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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में स्थित काशी विश्वनाथ धाम में पिछले 2 साल से दर्शन करने वालों की संख्या में गुणात्मक बढ़ोतरी हुई है. भव्य और दिव्य काशी विश्वनाथ मंदिर की चर्चा देश ही नहीं विदेशों तक पहुंची है.
एमएलसी ने आरोप लगाया है कि "एक गरीब आदमी जो अपने पत्नी बच्चों के साथ माता-पिता को दर्शन कराने लाएगा उसके तीन से 5 हजार रूपये सिर्फ बाबा दरबार में एंट्री के लिए ही खर्च हो जायेगा. वर्तमान सरकार गरीबों को बाबा से दूर करने की राजनीति कर रही है."
वाराणसी में स्थापित काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा की आरती करना अब महंगा हो गया है. अब भक्तों को मंगला आरती के लिए 150 रुपए ज्यादा देने होंगे. बता दें कि अब बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती करने के लिए 350 रुपए की जगह 500 रुपए चुकाने होंगे. सप्त ऋषि आरती, श्रृंगार भोग आरती और मध्यान भोग आरती के टिकट में 120 रुपए की वृद्धि की गई है. इन आरती के लिए 180 की जगह 300 रुपए देने होंगे. यह नया रेट 1 मार्च से लागू हो जाएगा. बुधवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 104वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि रुद्राभिषेक के टिकट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके टिकट की कीमत 450 रुपए से लेकर 2600 रुपए और उससे अधिक है. यह अंतर शास्त्री की संख्या के आधार पर बदलती रहती है. सिर्फ एक शास्त्री के साथ रुद्राभिषेक में 450 रुपए लगेंगे. वहीं, 11 शास्त्री के साथ रुद्राभिषेक में 5500 रुपए लिए जाएंगे.
न्यास बोर्ड के सीईओ ने बताया कि बाबा विश्वनाथ मंदिर को 2022-23 में 105 करोड़ रुपए का दान मिला है. इस साल का बजट 40 करोड़ रुपए तय किया गया है. इतना ही नहीं बोर्ड द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पूरे साल के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किए जाने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा. एक इंटरनल कमेटी का गठन कर ट्रस्ट की डायरी मार्च महीने में छपवाने की तैयारी की जा रही है.
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में शुल्क को शत-प्रतिशत लागू किया गया था. इसके पहले भी मंगला आरती में जाने वालों से शुल्क लिया जाता था लेकिन वह शत-प्रतिशत लागू नहीं था. जिसकी इच्छा होती थी वह कूपन लेता था और आगे की लाइन में खड़ा होकर बाबा की आरती देखता था, बिना कूपन वालों को भी मनाही नहीं होती थी. लेकिन अब सभी के लिए समान शुल्क लागू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि 4 साल बाद यह रेट बढ़ा है. 350 रूपये के बाद 500 किया गया है. वहीं 180 से बढ़ा कर 300 रूपये किया गया. बताया कि इस शुल्क से मंदिर में तमाम कार्य कराए जाते हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर सुनील वर्मा ने क्विंट हिंदी से बताया कि विशेष दिनों जैसे शिवरात्रि, सावन का सोमवार, नया साल पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए बैरीकेटिंग लगाई जाती है. जगह-जगह लाउडस्पीकर और ध्वनि उपकरण लगाने पड़ते हैं. इसमें खर्च करने के लिए भी इसी शुल्क से राशि खर्च की जाती है. विशेष दिनों पर दर्शन करने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होती है. अगर शुल्क न बढ़ाया जाए तो वीआईपी दर्शन की व्यवस्था भंग हो जाएगी. यही कारण है कि उस दिन की शुल्क को बढ़ा दिया जाता है.
वाराणसी से समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार युवाओं, बेरोजगारों, किसानों और गरीबों से बाबा को दूर करने की राजनीति शुरू की है.
काशी विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट पर आरती, रुद्राभिषेक, सुगम दर्शन और महाशिवरात्रि दर्शन की लिस्ट और रेट जारी की गई है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने कहा कि अभी नई रेट लिस्ट जारी नहीं हुई है. कार्यालय प्रक्रिया के बाद हस्ताक्षर होकर जल्द ही वह लिस्ट भी जारी हो जाएगी. फिलहाल पुरानी रेट लिस्ट ही वेबसाइट पर दिख रही है.
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