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मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में टाडा कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस केस में कोर्ट ने 6 आरोपियों- अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, ताहिर मर्चेंट, फिरोज अब्दुल राशिद और रियाज सिद्दीकी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने इन्हें धमाके की साजिश रचने और हथियार सप्लाई करने के मामलों में दोषी करार दिया है. इनके अलावा कोर्ट ने धमाकों के सातवें आरोपी अब्दुल कय्यूम शेख को सभी आरोपों में बरी कर दिया है.
टाडा कोर्ट ने मुंबई सीरीयल ब्लास्ट केस में मुस्तफा दौसा, अबू सलेम, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को प्रमुख साजिशकर्ता माना है.
ताहिर मर्चेंट को कई आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने के मामले में दोषी करार दिया गया है. ताहिर मर्चेंट दाउद के साथ दुबई चला गया था. हालांकि बाद में उसे प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया था.
कोर्ट ने करीमुल्ला शेख को भी मुंबई सीरियल ब्लास्ट में दोषी करार दिया है. करीमुल्ला, टाइगर मेमन के साथ सीरियल ब्लास्ट की साजिश में शामिल था.
दस साल पहले इस मामले में जिन 100 लोगों को दोषी करार दिया गया था, उसमें बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त भी शामिल थे. संजय दत्त से जुड़े केस में अबू सलेम का नाम आया था.
संजय दत्त अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए थे और उन्हें टाडा कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी. पिछले साल फरवरी में ही दत्त अपनी सजा पूरी कर जेल से लौटे हैं.
मुस्तफा दौसाः दौसा ने दुबई में अपने भाई मोहम्मद दौसा के घर पर साजिश रची थी. इसके लिए हुई बैठक में मुस्तफा दौसा, दाउद इब्राहीम, अनीस इब्राहीम, एजाज पठान समेत मुंबई के कई गैंगस्टर थे. इसी मीटिंग में तय किया गया था कि मुंबई में हथियार और विस्फोटक भेजा जाएगा. मुंबई में ब्लास्ट और दंगे कराए जाएंगे.
अबू सलेम- धमाकों की साजिश, हथियार और विस्फोटक गुजरात के भरुच से मुंबई लेकर आया. अबू सलेम ने मुस्तफा दौसा और अनीस इब्राहीम के कहने पर इन हथियारों में से कुछ हथियार संजय दत्त और सलीम कुर्ला के अलावा कई लोगों को दिये थे. हथियारों का पूरा कंट्रोल में अबू सलेम के हाथ में था.
ताहिर मर्चेंट- यह भी साजिश में शामिल था. यह भारत से मुस्लिम युवाओं को दुबई बुलाता था. वहां से उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजता था. ट्रेनिंग लेकर वो वापस दुबई आते थे और वहां से भारत आते थे.
इसी तरह के आरोपों में बाकी तीन आरोपियों को भी दोषी पाया गया है.
कोर्ट ने माना की बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिए ये साजिश रची गई थी. इनके निशाने पर देश के बड़े राजनेता, बड़े अफसर और हिंदू थे.
इस केस में सबसे अहम फैसला साल 2006 में आया था. टाडा कोर्ट ने 123 अभियुक्तों में सौ लोगों को सजा सुनाई थी, जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया था. इस सीरियल ब्लास्ट में वांटेड टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को इसी फैसले में सजा सुनाई गई थी. याकूब को 30 जुलाई को फांसी दी गई थी. वहीं सात अभियुक्तों पर फैसला नहीं हो पाया, क्योंकि इनको विदेश से प्रत्यर्पित कराना पड़ा था. इन अभियुक्तों पर अलग से सुनवाई की गई थी.
12 मार्च, 1993 को तेज रफ्तार से दौड़ती मुंबई को अचानक ब्रेक लग गया था, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की इमारत एकदम से हिल गई थी और लोगों ने एक कान फोड़ देने वाला पहला धमाका सुना, फिर यह सिलसिला रुका नहीं, एक के बाद एक 13 धमाके हुए और मुंबई ही नहीं पूरा देश दहल उठा था. इस सीरियल ब्लास्ट में 257 लोगों की जानें गई थी और करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
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