Home News India बीफ खाओ या ‘किस’ करो, पर इसका उत्सव क्यों मनाते हो: वेंकैया नायडू
बीफ खाओ या ‘किस’ करो, पर इसका उत्सव क्यों मनाते हो: वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने कहा, अगर आपको किसी को किस करना है तो जिसे किस करना है उससे पूछ लीजिए और कीजिए किस.
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बीफ खाने को लेकर उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू का बड़ा बयान.
(फोटो: http://vicepresidentofindia.nic.in)
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जहां देश में बीफ खाने को लेकर आए दिन विवाद की खबर आती रहती है, वहीं इसी बीच बीफ खाने को लेकर उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू का बड़ा बयान दिया है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि अगर किसी को बीफ पसंद है, और वो खाना चाहता है तो खाए. लेकिन उसके लिए फेस्टिवल मनाने की क्या जरूरत है.
मुंबई के आर ए पोद्दार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकनॉमिक्स के प्लैटिनम जुबली के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने भाषण में कहा,
देश में 740 यूनिवर्सिटी हैं जिसमें 730 यूनिवर्सिटी शांतिपूर्वक रहती हैं. लेकिन 7,8 यूनिवर्सिटी हैं जो अक्सर बेवजह के विवादों में उलझी रहती हैं और खबरों में रहती हैं. कुछ जगह बीफ फेस्टिवल मनाते हैं. अगर आपको बीफ खाना है तो खाइए, इसके लिए कॉलेज में बीफ फेस्टिवल की क्या जरूरत है. इसी तरह ‘किस’ फेस्टिवल मनाते हैं. अगर आपको किसी को ‘किस’ करना है तो, जिसे किस करना है उससे पूछ लीजिए और कीजिए किस, उसके लिए कॉलेज में फेस्टिवल की क्या जरूरत है.
वैंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति
“कुछ लोग आजादी के नाम पर अफजल गुरु की तारीफ करते हैं”
वेंकैया नायडू यही नहीं रुके उन्होंने बोलने की आजादी पर कहा कि कुछ लोग अफजल गुरु की तारीफ करते हैं, और कहते हैं अफजल गुरु का जो काम अधूरा रह गया वो पूरा करेंगे.
अब अफजल गुरु का कौन सा काम अधूरा रह गया था? उसने तो संसद को उड़ाने का सोचा था. तब अटल जी, आडवाणी जी हम लोग सब बच गए थे. अब संसद उड़ाने का काम ही अधूरा रह गया था.. मतलब सब लोगों को मारने का काम. ये लोग आजादी के नाम पर कैसी कैसी बात करते हैं. कहते हैं कि सर ये आजाद भारत है, हमारी आजादी हैं. हां, हम आजाद है लेकिन आजादी के साथ साथ कुछ पाबंदियां और बंदिशे भी है. इसका मतलब ये नहीं कि कुछ भी करेंगे.
वैंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति
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“भारत के हर नागरिक के DNA में धर्मनिरपेक्षता”
वेंकैया नायडू ने धर्मनिरपेक्षता पर बोलते हुए कहा कि भारत की संस्कृति और हिन्दू मान्यताएं सबको स्वीकार करती हैं, हम किसी पर हमला नहीं करते. कुछ लोग कहते ये सब धर्मनिरपेक्षता की वजह से है, लेकिन ये धर्मनिरपेक्षता भारत में संविधान या किसी पार्टी की वजह से सुरक्षित नहीं है, ये इसलिए सुरक्षित है क्योंकि ये भारत के हर नागरिक के DNA में है.
ये पहली बार नहीं है जब वेंकैया नायडू ने बीफ को लेकर इस तरह का बयान दिया है. जब वो केंद्रीय मंत्री थे तब उन्होंने 6 जून 2017 को कहा था कि वह खुद भी मांसाहारी हैं और भोजन हर व्यक्ति की अपनी पसंद का मामला है.
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