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भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई के वक्त लंदन के कोर्ट में आर्थर रोड जेल का एक वीडियो दिखाया गया था. 8 मिनट के उस वीडियो में जिस सेल को दिखाया गया उस सेल जैसा नहीं होगा विजय माल्या का ‘कैदखाना’.
द क्विंट से खास बातचीत में स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल (जेल) राजवर्धन ने बताया कि माल्या को अलग से कोई सुविधा नहीं दी जाएगी. साथ ही उसे हाई-सिक्योरिटी कैदी भी नहीं माना जाएगा. राजवर्थन ने बताया कि नियमों के मुताबिक, आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर-12 में उसे दूसरे कैदियों के साथ ही रखा जाएगा.
भारत से फरार होकर लंदन में जा बसे माल्या ने लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भारतीय जेलों को बदहाल बताया था. दरअसल, प्रत्यर्पण के बाद विजय माल्या को इसी जेल की बैरक नंबर 12 में रखने की योजना है. सुनवाई के दौरान इसी बैरक की तस्वीरें कोर्ट में पेश की गई थीं, जिसके बाद माल्या के वकीलों की तरफ से दावा किया गया था कि भारत की जेलों की हालत अच्छी नहीं है.
वहां नेचुरल लाइट नहीं आती है. इसी को लेकर लंदन के कोर्ट ने वीडियो क्लिप देने को कहा गया. 12 सितंबर को भारत की तरफ से एक जेल का एक वीडियो दिया गया.
माल्या को हाई-सिक्योरिटी दी जाएगी या नहीं, इस सवाल पर राजवर्धन कहते हैं कि माल्या को 'हाई-सिक्योरिटी कैदी' नहीं माना जा सकता. क्योंकि आतंकियों या हिंसक कैदियों को ही इस श्रेणी में रखा जाता है. माल्या एक आर्थिक अपराधी है, इसलिए उसे अलग या किसी दूसरी सुविधा के साथ नहीं रखा जा सकता.
राज्यवर्धन की इस जानकारी के बाद ये सवाल है कि क्या भारत सरकार ने ये बताया कि उसे दूसरे कैदियों के ही साथ रखा जाएगा? क्या जो वीडियो वेस्टमिंस्टर कोर्ट में दिखाया गया था, उसके बारे में कोई सफाई दी गई.
जब द क्विंट ने राज्यवर्धन से CBI के वीडियो के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा,
वीडियो को सीबीआई ने शूट किया था. मामले की जांच में एजेंसी ही है. लंदन की कोर्ट ने भारत सरकार को वीडियो रिकॉर्ड करने और सबमिट करने के निर्देश दिए थे.
दरअसल, CNN-IBN की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन कोर्ट में जो वीडियो पेश किया गया है, उसमें आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या-12 को एक अलग बिल्डिंग में स्थित दिखाया गया है.
महाराष्ट्र की पूर्व आईजी (जेल) मीरा बोरवनकर के मुताबिक, माल्या को हाई सिक्योरिटी कैदी ही माना जाएगा. साथ ही जब उसे प्रत्यर्पिक कर भारत लाया जाएगा तो उसे दूसरे कैदियों से अलग ही रखा जाएगा. मीरा की दलील है कि माल्या को हाई सिक्योरिटी कैदी इसलिए माना जा सकता है क्योंकि उसने लोगों को और देश को धोखा दिया है, कुछ कैदी उसपर हमला भी कर सकते हैं.
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