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लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में शराब कारोबारी विजय माल्या की प्रत्यर्पण सुनवाई में भारत की जेल प्रणाली की तुलना रूस के जेलों की हालत से हुई. भारत से फरार कारोबारी माल्या का बचाव कर रही टीम ने भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की धोखाधड़ी के मामले में तैयार किए गए मामले के जवाब में शुरुआती दलीलों के तहत इस मुद्दे को उठाया.
बचाव पक्ष ने जज एम्म आर्बुथनॉट से कहा कि भारत में जेलों में सुरक्षित हालात पर भारतीय अधिकारियों के दिये गये भरोसे के सही से पालन की कोई प्रणाली नहीं है.
माल्या के बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमेरी ने कोर्ट में कहा, भारत सरकार, कोर्ट के आदेशों की अवहेलना को दूर करने के उपायों को लेकर असमर्थ और अनिच्छुक रही है. जज ने पूछा कि रूस में जेलों में खराब हालात की तुलना कैसे हो सकती है जहां प्रत्यर्पण के मामले, जेलों के असुरक्षित हालात पर निर्भर करते हैं.
मोंटगोमरी ने कहा कि रूस के हालात भारत से बहुत बेहतर हैं क्योंकि वो कम से कम कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन की समीक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय जानकारों को अनुमति देते हैं. इसपर कोर्ट ने कहा, ये रोचक बात है.
शराब कारोबारी विजय माल्या भारत से फरार हैं. अब प्रत्यर्पण के लिए लंदन की एक कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस दौरान सीबीआई अधिकारियों की टीम भी वहां मौजूद है. बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज न चुकाने का माल्या पर आरोप है.
(इनपुट: भाषा)
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