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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार, 27 सितंबर को दिल्ली की शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले (Delhi excise policy case) में पहली गिरफ्तारी की है. CBI ने इवेंट कंपनी ओनली मच लाउडर (OML) के पूर्व CEO और आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी (communication in charge) विजय नायर (Vijay Nair Arrested) को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. AAP ने गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया है कि विजय नायर का दिल्ली शराब नीति से कोई संबंध नहीं है और उनपर पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा था.
इस कथित घोटाले मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं. आइए जानते हैं कि विजय नायर कौन हैं और उनपर CBI ने क्या आरोप लगाए हैं.
दिल्ली शराब नीति मामले के नामजद 15 आरोपियों में से एक नाम विजय नायर का है. गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी के अपने बयान के अनुसार विजय नायर पार्टी के संचार प्रभारी (communication in charge) हैं. लेकिन AAP से जुड़ने के पहले विजय नायर का नाम एक बड़े एंटरप्रेन्योर के रूप में जगजाहिर था. बीच में ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने वाले नायर ने 2000 के दशक की शुरुआत में भारतीय रॉक बैंड पेंटाग्राम के मैनेजर के रूप में नाम बनाया. आगे उन्होंने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर (OML) को शुरू किया. बता दें कि OML को लाइव संगीत इवेंट ऑर्गनाइज करने के लिए जाना जाता है. साथ ही यह कंपनी कई कॉमेडी शोज को भी ऑर्गनाइज करती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विजय नायर 2014 से ही AAP के लिए फंड जमा करने के लिए इवेंट ऑर्गनाइज करने लगे थे. अब AAP के अंदर उनका कद बड़ा हुआ है. पार्टी के अनुसार उनपर पहले पंजाब और अब गुजरात में संचार रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने की जिम्मेदारी है.
दिल्ली शराब नीति मामले में नायर की भूमिका पर CBI ने अपनी FIR में दावा किया है कि “विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि विजय नायर, ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ; पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय; ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल; और इंडोस्पिरिट के मालिक समीर महेंद्रू शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन से जुड़ी अनियमितताओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं."
आम आदमी पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा है कि "विजय नायर AAP के संचार प्रभारी हैं. उनपर पहले पंजाब और अब गुजरात में संचार रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने की जिम्मेदारी है. उसका शराब नीति से कोई लेना-देना नहीं है."
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली शराब नीति 2021-22 की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिसके बाद CBI ने FIR दर्ज की. FIR के बाद से दिल्ली शराब विभाग के प्रभारी सिसोदिया सीबीआई के निशाने पर है. बढ़ते विवाद के बीच दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि वह नीति वापस ले रही है.
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