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कानपुर हत्याकांड के सरगना विकास दुबे को पकड़ने के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस पूरा जोर लगा रही है.
करीब 150 ठिकानों पर अब तक दबिश दी गई है. 40 थानों से ज्यादा की पुलिस विकास की गिरफ्तारी करने की कोशिशों में लगी है. इस बीच विकास के एक सहयोगी से तीन गाड़ियों की बरामदगी हुई है, जिन्हें विकास इस्तेमाल करता था. पुलिस को विकास के दाहिने हाथ दयाशंकर को गिरफ्तार करने में भी कामयाबी मिली है.
पुलिस को शक है कि विकास नेपाल भी भाग सकता है, इसके चलते सीमा पर भी सर्चिंग कड़ी कर दी गई है. SSB की भी कई टीमों की तैनाती की गई है. संबंधित इलाकों में विकास के पोस्टर भी लगवाए गए हैं.
विकास की जान-पहचान वाले लोगों से जानकारी लेने के लिए उनके घरों और ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है. जय वाजपेयी नाम के शख्स के पास से काकादेव पुलिस ने तीन बिना नंबर की गाड़ियां बरामद की है. सूत्रों के मुताबिक इनका उपयोग विकास ही करता था.
हत्याकांड में शामिल विकास दुबे का करीबी सहयोगी दयाशंकर ऊर्फ कल्लू को पुलिस ने एक एनकाउंटर में गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी से हत्याकांड के कई अहम सुराग हासिल होने की संभावना है.
उसने बताया है कि पुलिस ने ही विकास को दबिश की सूचना दी थी. इसके बाद उसने हथियारबंद लोगों को बुलाया. इतना ही नहीं मुठभेड़ के दौरान नौकर की बंदूक छीनकर विकास ने खुद भी गोलियां चलाई थीं.
विकास दुबे पर उत्तरप्रदेश पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. हत्याकांड में उसके सहयोगी रहे 18 लोगों पर भी 25-25 हजार रुपये का इनाम है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विकास अपने तीन साथियों के साथ एक गाड़ी में सवार होकर भागा है. भागते वक्त वह टकराव की जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी ले गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्याकांड की बर्बरता का अंदाजा होता है. अपराधियों ने एके-47 जैसे घातक हथियारों का तर इस्तेमाल किया.
सीओ देवेंद्र मिश्रा को तो चेहरे से सटाकर गोली मारी गई. उनका सिर और गर्दन का हिस्सा तक उड़ गया. चौकी प्रभारी अनूप सिंह को सात गोलियां मारी गईं. थाना प्रभारी महेश को चेहरे पीठ और सीने पर पांच गोली, दरोगा नेबूलाल को चार गोलियां लगीं. चार सिपाही थे, जिनके शरीर से गोलियां आर-पार हो गईं.
विकास के बिकरू गांव स्थित पैतृक घर को कानपुर देहात जिला प्रशासन ने गिरा दिया. इस दौरान घर में खड़ी लग्जरी गाड़ियां भी चपेट में आ गईं. देखें तस्वीरें:
बिकरू गांव के कई लोग गांव छोड़कर भाग गए हैं. इनमें से कई लोगों को डर है कि विकास दुबे के परिचित होने की वजह से पुलिस उनपर कार्रवाई न कर दे. गांव के परिवारों के युवा खासतौर पर फरार हैं. इनमें से कई अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं.
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