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फिल्म इंडस्ट्री के ‘संस्कारी बाबूजी’ कहे जाने वाले आलोकनाथ पर रेप का आरोप लगाने वाली विंता नंदा ने पीएम नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है. #MeToo कैंपेन से सामने आईं विंता ने फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में पीएम से अपील की है कि वह पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करें.
विंता नंदा ने मुंबई के ओशिवारा थाने जाकर आलोकनाथ के खिलाफ लिखित शिकायत भी दी है.
उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे समय में जी रहे हैं, जहां कानून अपराधियों को बचा रहा है और जिनके पास लड़ने के लिए हथियार नहीं हैं उन्हें दबाया जा रहा है और उनके लिए सिर्फ ढेर सारी सहानूभूति दिखाई जा रही है.’
विंता ने पीएम से गुजारिश की है कि ऐसा महौल दिया जाए, जिसमें महिलाओं को सुना जाए. उन्होंने कहा, ''#MeToo कैंपेन से पहले ये सब कहने का साहस नहीं हुआ. इसकी वजह से देश में आवाजें उठीं और सुनी भी गईं. हम पीड़ित बने क्योंकि हजारों सालों से हमारा समाज पुरुष प्रधान बना हुआ है. वो कहते हैं कि ये देश महिलों के लिए नहीं है. आप एक्शन लेकर इसे गलत साबित कर दीजिए सर.’
उन्होंने पीएम मोदी को अपने खत में कहा कि आपके (पीएम मोदी) फेवर से हम जैसी महिलाओं को सपोर्ट मिलेगा.
यहां पढ़िए पूरा पोस्ट.
दूसरी तरफ विंता नंदा की ओर से लगाए गए आरोपों के खिलाफ आलोक नाथ कोर्ट पहुंचे हैं और विंता नंदा को मानहानि नोटिस भेजा है.
राइटर-प्रोड्यूसर विंता नंदा ने 8 अक्टूबर की रात फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी थी. इसमें उन्होंने अपने साथ कथित तौर पर यौन शोषण की विस्तार से जानकारी दी थी. पोस्ट में उन्होंने आलोक नाथ का नाम नहीं लिया था, लेकिन यौन शोषण करने वाले दोषी को ‘सबसे संस्कारी व्यक्ति’ बताया था. बता दें कि टेलीविजन पर पिता, अंकल और दादा की संस्कारी छवि में दिखने के चलते आलोक नाथ को ‘सबसे संस्कारी व्यक्ति’ कहा जाता है.
नंदा ने आरोप लगाया कि आलोक नाथ को 1993 में ‘तारा' के सेट पर मुख्य एक्ट्रेस नवनीत निशान से दुर्व्यवहार करने के बाद धारावाहिक से निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने एक पार्टी में उनका यौन शोषण किया था. बाद में नंदा ने मीडिया के सामने आलोक नाथ के नाम का खुलासा भी किया था.
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