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बीएचयू एक बार फिर से सुलग रहा है. सालाना प्रोग्राम 'स्पंदन' में मामूली-सी बात को लेकर विवाद ने बड़ा रूप अख्तियार कर लिया है. सोमवार को दो हॉस्टल के छात्र आमने-सामने आ गए. हॉकी स्टिक और डंडों से लैस छात्र सड़कों पर उतर आए. दोनों गुटों के बीच जमकर पथराव और मारपीट हुई. उपद्रवियों को संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
घटनाक्रम को देखते हुए लंका के साथ आसपास के थानों की फोर्स को बुलानी पड़ी. फिलहाल कैंपस में तनाव बरकरार है.
दरअसल, इन दिनों विश्वविद्यालय का सालाना प्रोग्राम 'स्पंदन' चल रहा है. रविवार की शाम ओंकारनाथ प्रेक्षागृह में किसी बात को लेकर बिड़ला ए और बिड़ला सी के छात्र किसी बात को लेकर भिड़ गए. दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई. इसके बाद हॉस्टल पहुंचे छात्रों ने फिर एक-दूसरे पर पथराव किए. खबर तो ये भी है हॉस्टल में पेट्रोल बम भी फेंके गए. हालांकि रात में किसी तरह मामला शांत हो गया.
इस बीच सोमवार की सुबह मामले ने फिर तूल पकड़ लिया. छात्र अपने-अपने हॉस्टल से बाहर निकल आए और एक-दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे. हाथों में डंडे लिए और मुंह बांधे छात्र बिड़ला चौराहे पर जमा हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी.
छात्रों को संभालने में लंका पुलिस के साथ विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी प्रयास करते रहे. लेकिन हालात काबू में नहीं हुए. इस बीच आसपास के थानों से भी पुलिस बुलानी पड़ी. बताया जा रहा है कि हिंसा की चपेट में कुछ और हॉस्टल आ सकते हैं.
पिछले डेढ़ साल में कई बार ऐसा हुआ कि कैंपस में मारपीट और पथराव की घटनाएं हुईं. सितंबर 2017 में छेड़खानी की घटना को लेकर कैंपस में विरोध कर रही लड़कियों पर लाठीचार्ज भी हुआ था. इस घटना के बाद सिक्योरिटी बढ़ाने के तमाम उपाय किए गए. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं.
पिछले साल जूनियर डॉक्टरों और बिड़ला हॉस्टल के छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. इसके बाद छात्रों ने कैंपस में कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था.
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