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गुजरात के सौराष्ट्र में दो अलग-अलग घटनाओं में 7 दलित लड़कों ने आत्महत्या की कोशिश की.
पिछले हफ्ते गिर-सोमनाथ जिले के ऊना शहर में गोकशी के आरोप में 4 दलित लड़कों की पिटाई के खिलाफ पूरे सौराष्ट्र में विरोध की लहर फैली हुई है. अधिकारियों ने कहा कि 5 दलितों ने गोंडाल तालुका शहर में जहरीली चीज खाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जबकि 2 ने राजकोट जिले के जामकांदोराना शहर में ऐसा किया. इन लोगों को तत्काल गोंदाल के सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.
दलितों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जो लोग दलित समुदाय के उत्पीड़न में शामिल हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने गांवों और शहरों से मरे हुए जानवरों को ले जाना बंद करने की भी धमकी दी है, जो वे परंपरागत रूप से करते रहे हैं.
समुदाय के गुस्साए लोगों ने सरकारी बसों पर पथराव भी किया. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
ऐसे ही दृश्य सुरेंद्र नगर जिले में भी देखने को मिले. वहां लोग मरे हुए जानवर लेकर आए और विरोध के तौर पर मामलातदार ऑफिस परिसर में रखकर इन्हें वहां से हटाने से इनकार कर दिया. उन्होंने ऊना की घटना के विरोध में शहर में जुलूस भी निकाला.
घटना के चार दिनों बाद मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को ट्वीट कर दुख जताया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना से बहुत दुख हुआ है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था.
सीएम ने कहा कि सरकार इस मामले में सभी जरूरी कदम उठा रही हैं और 8 आरोपी गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं. एक पुलिस इंस्पेक्टर और 3 सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा है कि हमारे मंत्री और संसदीय सचिव ने घटनास्थल का दौरा किया है. उत्पीड़न के शिकार हर व्यक्ति के लिए सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया गया है.
पिछले हफ्ते दलित समुदाय के कुछ सदस्यों की पिटाई करते लोगों का एक वीडियो वायरल हुआ था. एक मरी हुई गाय की खाल उतारने पर दलित बच्चों की पिटाई करने वाले लोगों ने खुद को गोरक्षक होने का दावा किया था.
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