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Vistara Pilot Crisis: 'मैं और मेरी बुजुर्ग मां 12 घंटे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर फंसे रहे'

"मैं विस्तारा के संकट को समझता हूं. हर बिजनेस में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन कंपनी को यह जानना होगा कि अपने ग्राहकों को कैसे संभालना है."

प्रज्ञादित्य दास
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>एयरलाइन के साथ चल रहे पायलट संकट के कारण सप्ताह के दौरान विस्तारा की कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.</p></div>
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एयरलाइन के साथ चल रहे पायलट संकट के कारण सप्ताह के दौरान विस्तारा की कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.

(फोटो: चेतन भाकुनी द्वारा बदली गई)

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Vistara Crisis: पायलट की कमी से जूझती विस्तारा एयरलाइन ने अपनी सालों की प्रतिष्ठा एक ही दिन में गंवा दी. मैं अपनी 62 साल की मां के साथ बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक फंसा रहा. 

मैं गुवाहाटी में एक फैमिली फंक्शन से वापस आ रहा था. मैंने गुवाहाटी से बेंगलुरु होते हुए मुंबई के लिए विस्तारा की एक कनेक्टिंग फ्लाइट बुक की थी. जब हमने 1 अप्रैल को अपनी यात्रा शुरू की, तो फ्लाइट समय पर दोपहर 2:30 बजे रवाना हुई और हम शाम 5:45 बजे बेंगलुरु पहुंचे.

बेंगलुरु से मुंबई के लिए अगली फ्लाइट शाम 6:45 बजे उड़ान भरने वाली थी. लेकिन हमें बताया गया कि परिचालन कारणों से इसे रात 8:30 बजे तक रिशेड्यूल किया गया था.

जब 1 अप्रैल को हमने गुवाहाटी से सफर शुरू किया तो फ्लाइट अपने निर्धारित समय दोपहर 2.30 बजे टेक ऑफ हुई और बेंगलुरु से मुंबई जाने वाली हमारी अगली फ्लाइट का समय शाम 6.45 PM का था. हमें बताया गया कि कुछ वजहों से हमारी फ्लाइट 8.45 PM को रिशेड्यूल कर दी गई है.

मेरी मां, कई अन्य यात्री और मैं रात 8:30 बजे तक बोर्डिंग गेट पर इंतजार करते रहे. जब बोर्डिंग का समय आया तो हमें बताया गया कि फ्लाइट को रात करीब 10 बजे के लिए फिर से रिशेड्यूल किया गया है.

फिर से इसे बदलते हुए रात के 12.45 तक के लिए बढ़ा दिया गया. 12.45 पर हमें बताया गया कि एक फ्लाइट दिल्ली से आई है जो मुंबई तक जाएगी. बोर्डिंग गेट भी खोल दिये गये और हम सारे फ्लाइट में बैठ गये.

जैसे ही हम सब फ्लाइट में बैठे पायलट कॉकपिट से बाहर आया और हमसे बिना कुछ भी कहे अपना सामान लेकर फ्लाइट से उतर गया.

हमे समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर चल क्या रहा है. फ्लाइट करीब 6 घंटे लेट हो चुकी थी. लोग परेशान थे और गुस्से में क्रू से सवाल-जवाब कर रहे थे. क्रू मेम्बर लोगों को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे. 

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आखिर में हमे फ्लाइट से उतरना पड़ा. इसके बाद हमे एयरपोर्ट के मौजूदा स्टाफ ने बताया कि फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है. हम सबको पूरा रिफंड दिया जाएगा.

"यात्रियों में पैनिक"

इस स्थिति में सभी यात्री घबरा गए, क्योंकि सभी ने अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट की योजना बनाई थी. उस फ्लाइट को एक ऐसे कपल ने भी बुक किया था जिसकी मुंबई से फ्रांस के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट थी. एक अन्य यात्री की मां को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसे जल्द से जल्द वहां पहुंचना था.

एयरलाइन के कुप्रबंधन के कारण हमें अपना सामान लेने के लिए अगले दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा. जब मुझे आखिरकार सुबह 3 बजे सामान मिला, तो मैंने अकासा एयर की फ्लाइट बुक की, जिसने 2 अप्रैल को सुबह 6:35 बजे उड़ान भरी और हम आखिरकार सुबह 8:30 बजे मुंबई पहुंच गए.

‘एयरलाइन कम से कम यात्रियों के लिए बेहतर इंतजाम कर सकती थी’

मैं इस बात को पूरी तरह समझता हूं कि एयरलाइन कुछ दिनों से संकट झेल रही है. ऐसा हो सकता है. हर बिजनेस में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन उसे यह जानना होगा कि अपने ग्राहकों को कैसे संभालना है.

अगर उनके पास उड़ान भरने के लिए पायलट ही नहीं थे तो वो पहले ही यात्रियों को सूचित कर सकते थे. इससे मेरे जैसे लोग, जिनके साथ वरिष्ठ नागरिक भी थे, उन्हें कम परेशानियों का सामना करने पड़े.

मैं विस्तारा गोल्ड मेम्बर हूं. मैंने ये मेम्बरशिप इसीलिए ली थी ताकि यात्रा में परेशानियों से मैं बचा रहूं. लेकिन ये बहुत बुरा था. मुझे एयरलाइन से बेहतर संचालन की उम्मीद थी. यहां तक की जब मैंने कस्टमर केयर से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने भी मुझे करीब 52 मिनट तक रोके रखा और फिर मेरी कॉल काट दी. मैं समझता हूं कि एयरलाइन में संकट चल रहा है लेकिन खराब कम्युनिकेशन और कुप्रबंधन को सुधारा जाना चाहिए.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरीज सिटिजन जर्नलिस्ट द क्विंट को सबमिट करते हैं . हालांकि द क्विंट स्टोरी पब्लिश करने से पहले सभी पक्षों के दावों/आरोपों की जांच करता है, फिर भी रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त किए गए विचार सिटिजन जर्नलिस्ट के अपने हैं. द क्विंट न तो इसका समर्थन करता है और न ही इसके लिए जिम्मेदार है.)

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