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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक फार्मा कंपनी में हुई गैस लीक मामले को लेकर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA), नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) और एम्स के डायरेक्टर ने मीडिया को संबोधित किया. इस घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनमें कुछ बच्चे भी शामिल हैं. वहीं सैकड़ों लोग हॉस्पिटल में भर्ती हैं. अब सीएम जगनमोहन रेड्डी ने मुआवजे की घोषणा भी कर दी है.
ये भयानक घटना गुरुवार सुबह 3 बजे के करीब हुई. गैस रिसाव धीरे-धीरे विशाखापत्तनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में फैलता गया. जिससे चारों तरफ भगदड़ मच गई. इसे लेकर एनडीएमए के डायरेक्टर एसएन प्रधान ने कहा कि हमने स्पेशल टेक्निकल सपोर्ट को एरिया में मेडिकल कर्मियों की मदद के लिए तैयार रखा है. उन्होंने आगे कहा,
इसके अलावा प्रेस ब्रीफिंग में एनडीआरएफ की तरफ से कहा गया कि, देर रात स्थानीय रिस्पॉन्स सेंटर को इस घटना की सूचना दी गई. जिसके बाद आधे घंटे के अंदर टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. टीम ने पूरे हालात को काबू में किया और लोगों को गांव से तुरंत बाहर निकाला. इसके अलावा हर घर में जाकर भी देखा गया. एनडीआरएफ ने बताया कि गांव के करीब 3 किलोमीटर के दायरे में इस गैस का असर दिखा. जिसके बाद सभी गांव वालों को वहां से निकाला गया.
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस घटना को लेकर कहा, इस केमिकल के तरह के असर होते हैं. एक इससे सांस लेने में तकलीफ होती है और दूसरा ये सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) पर अटैक करता है. हालांकि हॉस्पिटल में भर्ती लोगों में अभी तक ऐसे लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं, लेकिन हम लगातार नजर बनाए हुए हैं. गुलेरिया ने गैस को लेकर जानकारी देते हुए आगे कहा,
उन्होंने कहा कि "इस गैस का लंबे समय तक असर रहने का चांस काफी कम है. क्योंकि ये शरीर को जल्दी से छोड़ देता है. हालांकि हमें इसे फॉलो करना होगा."
विशाखापत्तनम की एसीपी स्वरूप रानी ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि "करीब 5 हजार टन पॉलीमर दो टैंकों में था, जिसे स्टोरेज में रखा गया था. क्योंकि ये पॉलीमर है इसीलिए एक ऑटोमेटिक चेन रिएक्शन हुआ. हीट के कारण गैस बाहर निकलने लगी."
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